Locust Attack In Gujarat: टिड्डियों के हमले से छह हजार हेक्टेयर में फसलें बर्बाद
Locust Attack In Gujarat. गुजरात के उत्तरी सीमाई जिला बनासकांठा थराद वाव तथा राड़का के विविध क्षेत्रों में टिड्डी के हमले से फसलों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
अहमदाबाद, जेएनएन। Locust Attack In Gujarat. गुजरात के उत्तरी भाग बनासकांठा के कई ग्रामीण इलाकों में टिड्डी दल के हमले से करीब छह हजार हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ हैं। राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टर से दवाई का छिड़काव करने से इनकार कर पहली बार इसके लिए ड्रॉन का उपयोग किया। राज्य सरकार ने किसानों को आश्वास्त किया है कि वह फसल की नुकसानी का मुआवजा अदा करेगी।
गुजरात के उत्तरी सीमाई जिला बनासकांठा, थराद, वाव तथा राड़का के विविध क्षेत्रों में टिड्डी के हमले से फसलों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। इन क्षेत्रों में खेती को नुकसान पहुंचने पर इसे नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की टीमों ने यहां पहुंच कर विविध कदम उठाए हैं। जानकारी मिलते ही यहां जंतुनाशक दवाइयों को उपलब्ध करवाया गया। इसके छिड़काव के लिए 19 टीमों को काम पर लगा दिया गया है। यहां 25 ट्रैक्टर पर माउंटेड मशीनों को रखकर दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। यहां टिड्डी के हमले से सहायता के लिए दांतीवाडा कृषि विश्वविधालय के विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है। यहां की सात टीमों को काम पर लगा दिया गया है। कृषि विभाग ने स्वीकार किया है कि अभी तक 25 प्रतिशत टिड्डियों का सफाया किया जा चुका है। करीब छह हजार हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हो गया है। दांता तहसील के 12 गांवों में जंतुनाशक दवाइयों का छिड़काव किया गया हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही केंद्रीय कृषि सचिव जेपी सिंह ने बनासकांठा का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर हालात की समीक्षा की। राज्य के कृषि विभाग के अधिकारी भी बनासकांठा में पहुंच गए हैं। वे हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं। राज्य सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उन्हें टिड्डी दल के आक्रमण से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।
गुजरात कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव पूनम चंद परमार ने बताया कि हवा के रुख के आधार पर टिड्डियों का दल आगे बढ़ रहा है। थराद तहसील के आंतरोल, राड़का, अजावाड़ा और नारोली गांव के आसपास के ग्रामीण इलाकों में यह राजस्थान की ओर से आए हैं। टिड्डियों का दल राजस्थान के जालोर से गुजरात में प्रवेश किया। इनका दल दांता, सुईगाम, दांतीवाड़ा तथा वड़गाम तहसील के कई गाँवों में दिखाई दे रहा हैं। इसकी जानकारी मिलते ही राज्य सरकार ने इनसे बचाव की हर संभव कोशिश की। जंतुनाशक 16 हजार लीटर दवाइयां छिड़काव के लिए मंगाई गई है। विविध प्रभावित इलाकों में इनका उपयोग किया जा रहा हैं।