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गुजरातः आश्रम से बेदखली के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा गांधीजी का बसाया परिवार

Challenge in high court. बाबूभाई थोसार के परिवार के खिलाफ साबरमती आश्रम गोशाला ट्रस्‍ट ने एक याचिका दाखिल कर उनसे आश्रम परिसर खाली करने की मांग की।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 12:31 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:09 PM (IST)
गुजरातः आश्रम से बेदखली के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा गांधीजी का बसाया परिवार
गुजरातः आश्रम से बेदखली के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा गांधीजी का बसाया परिवार

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात की एक निचली अदालत ने महात्मा गांधी द्वारा आश्रम में बसाए गए चप्पल बनाने वाले कारीगर परिवार को परिसर खाली करने का आदेश दिया है। परिवार ने इस आदेश को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी है। आश्रम गोशाला ट्रस्ट ने निचली कोर्ट में अर्जी दाखिल कर परिसर खाली कराने की मांग की थी।

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आश्रम रोड स्थित साबरमती आश्रम परिसर में वर्षों से निवास कर रहे बाबूभाई थोसार के परिवार के खिलाफ साबरमती आश्रम गोशाला ट्रस्ट ने वषर्ष 1998 में अर्जी दाखिल कर आश्रम परिसर खाली कराने की मांग की थी। सिटी सिविल कोर्ट ने आश्रम ट्रस्ट की अर्जी स्वीकार करते हुए गत फरवरी में अपने आदेश में कहा था कि आश्रम परिसर महानगर के पॉश इलाके में स्थित है। यहां देश व दुनिया के लोग हर रोज आते हैं इसलिए कोई भी परिवार यह इलाका छो़़डकर जाना पसंद नहीं करेगा। लेकिन परिवार ने मालिकाना हक को लेकर कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किया इसलिए उन्हें यह मकान खाली कर देना चाहिए।

गोशाला ट्रस्ट की ओर से दिए गए सबूतों में बताया गया है कि महात्मा गांधी ने साबरमती व वर्धा आश्रम में चम़़डे की चप्पल बनाने के लिए अहमदाबाद के ग्रामीण इलाकों के कारीगर परिवारों को यहां लाकर बसाया था। बाबूभाई थोसार के अलावा चार अन्य परिवार को गांधीजी ने यहां बसाया था। थोसार परिवार आश्रम परिसर में ही निवास कर रहा है। वषर्ष1969 में वर्कशॉप बंद करने के बाद सभी कारीगरों को यहां से भेज दिया गया था, थोसार परिवार यहीं रह गया। 

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