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200 किलो की शकुंतला ने जब मांगी इच्छामृत्यु तो मदद को उठे गई हाथ

अपने 200 किलो वजन के कारण शकुंतलाबेन ने सरकार से इच्छामृत्यु मांगी तो मदद के लिए कई लोग सामने अाए। इसके बाद सरकार ने सुझाव दिया कि वह अपना ऑपरेशन वडोदरा के सयाजी अस्पताल में करवा लें, लेकिन वहां उक्त ऑपरेशन की सुविधा ही नहीं है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 15 Apr 2016 02:43 AM (IST)Updated: Fri, 15 Apr 2016 03:02 AM (IST)
200 किलो की शकुंतला ने जब मांगी इच्छामृत्यु तो मदद को उठे गई हाथ

वडोदरा। अपने 200 किलो वजन के कारण शकुंतलाबेन ने सरकार से इच्छामृत्यु मांगी तो मदद के लिए कई लोग सामने अाए। इसके बाद सरकार ने सुझाव दिया कि वह अपना ऑपरेशन वडोदरा के सयाजी अस्पताल में करवा लें, लेकिन वहां उक्त ऑपरेशन की सुविधा ही नहीं है। अब दो गुप्त दानदाताओं की बदौलत उनका ऑपरेशन एक निजी अस्पताल में होने जा रहा है।

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पिछले 10 वर्षों से असहनीय तकलीफ झेल रहीं शकुंलता बेन की मदद के लिए जब लोग अागे अाए तो डॉक्टर ने भी अपनी फीस आधी कर दी। अब शकुंतला के साथ उनके पति अौर बच्चे काफी खुश हैं कि ऑपरेशन के बाद शकुंतला सामान्य महिला की तरह जीवन जी पाएगी।

शकुंतला बेन का ऑपरेशन करने वाले डॉ. शैलेष परीख ने बताया कि गुजरात सरकार द्वारा मदद न दिए जाने के बाद तीन दानदाता आगे आए। उनकी पीड़ा को देखते हुए मैंने अपनी फीस आधी कर दी है। उनका ऑपरेशन पूरे तीन घंटे तक चलेगा। अभी उनका वजन 200 किलो है, जो बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद धीरे-धीरे कम होता जाएगा।

क्या है यह बेरियाट्रिक सर्जरी?
बेरियाट्रिक सर्जरी में अमाशय की बड़ी आंतों को छोटा किया जाता है। सर्जरी के बाद हर माह करीब 6 से 7 किलो वजन घटना शुरू हो जाता है।


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