गुजरात में जलसंकट गहराया, 203 जलाशयों में केवल 17.49 प्रतिशत पानी
Water crisis in Gujarat. गुजरात के 203 जलाशयों में औसतन 17.49 प्रतिशत पानी शेष है। मौसम विभाग की मानें तो जून के तीसरे हफ्ते में मानसून सक्रिय होगा।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में दिन-प्रतिदिन पेयजल संकट गहराता जा रहा है। गुजरात के 203 जलाशयों में औसतन 17.49 प्रतिशत पानी शेष है। मौसम विभाग की मानें तो जून के तीसरे हफ्ते में मानसून सक्रिय होगा। वहीं, 24 मई की स्थिति के अनुसार सरदार सरोवर डैम में 4879 ग्रास स्टोरेज मिलियन क्यूबिक मीटर है।
जानकारी के अनुसार, उत्तर गुजरात के 15 जलाशयों में 13.19 प्रतिशत, मध्यगुजरात के 13 जलाशयों में 41.91 प्रतिशत, दक्षिण गुजरात के 13 जलाशयों में 14.85 प्रतिशत,कच्छ के 20 जलाशयों में 11.20 प्रतिशत, सौराष्ट्र के 138 जलाशयों में 9.95 प्रतिशत सहित कुल 203 जलाशयों में केवल 17.49 प्रतिशत पानी शेष है।
वहीं, राज्य के विविध जिलों के मुख्य तटबंधों में जलसंग्रह की स्थिति इस प्रकार है। राज्य नर्मदा जिला के सरदार सरोवर में 51.18 प्रतिशत जलसंग्रह, उकाई तापी बाँध 13.22 प्रतिशत, कडाणा महिसागर 48.48 प्रतिशत, महेसाणा के धरोई डैम 17.24 प्रतिशत, पंचमहाल के पानम डैम में 47.08 प्रतिशत, नर्मदा के करजण डैम में 37.07 प्रतिशत, वलसाड़ के दमनगंगा में 15.52 प्रतिशत, बनासकांठा जिला के दांतीवाड़ा में 6.94 प्रतिशत, भावनगर के शेत्रुंजी डैम 10.31 प्रतिशत , राजकोट के भादर डैम में 3.08 प्रतिशत, छोटाउदयपुर के सुखी डैम में 9.16 प्रतिशत, अरवल्ली के वात्रक डैम सूख गया है।
वहीं, अरवल्ली जिला के हाथमती बाँध में 10.54 प्रतिशत, बनासकांठा के सिपू डैम में 7.53 प्रतिशत, मोरबी के मच्छू-2 में 20.06 प्रतिशत, मोरबी के ब्राह्माणी में 8.78 प्रतिशत, जामनगर के उड-1 डैम में 0 प्रतिशत तो मोरबी के मच्छू डैम में 10.66 प्रतिशत पानी है। इस प्रकार राज्य में पेयजल संकट मंडरा रहा है। राज्य सरकार ने कई इलाकों में टैकर से जलापूर्ति शुरू की है।
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