सूरत में एक महिला के शरीर से मिला अनोखा ब्लड ग्रुप
सूरत में एक महिला का ब्लड ग्रुप देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं, क्योंकि उसका ब्लड ग्रुप A, B, O, AB में से एक से भी मैच नहीं करता है ।
सूरत [ब्यूरो] । सूरत में एक महिला का ब्लड ग्रुप देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं, क्योंकि उसका ब्लड ग्रुप A, B, O, AB में से एक से भी मैच नहीं करता है । सूरत में अनोखे ब्लड की खोज करने वाले एक ब्लड बैंक के डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में किसी भी इंसान का ब्लड ग्रुप ऐसा नहीं है । यह महिला न तो किसी को ब्लड डोनेट कर सकती है, न ही किसी का ब्लड ले सकती है । डॉक्टरों ने इस नए ब्लड ग्रुप का नाम INRA रखा है।
WHO लेबोरेटरी ने सर्टिफाई कर ब्लड ग्रुप को INRA नाम दिया
सूरत के वराछा इलाके में स्थित लोक समर्पण ब्लड बैंक के डॉक्टरों के होश उस वक्त उड़ गए जब पिछले महीने देर रात एक मरीज के परिवारवाले वहां ब्लड सेम्पल लेकर पहुंचे थे । लैब में मौजूद महिला डॉक्टर किंजल ने जब ब्लड ग्रुप की जाँच करना शुरू किया तो उनके माथे पर पसीना आ गया क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था जब उस ब्लड सैम्पल का ब्लड ग्रुप मैच नहीं हो पा रहा था । लिहाजा लैब के प्रमुख डॉक्टर सन्मुख जोशी को बुलाया और उसकी परख शुरू की गयी । डॉक्टर जोशी ने इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लेबोरेटरी से संपर्क किया । जहाँ ब्लड की जांच की । लेकिन, उसका कोई ब्लड ग्रुप नहीं मिला । इसके बाद यह ब्लड सैम्पल को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) भेजा । जहाँ इसकी पूरी परख करने के बाद WHO लेबोरेटरी ने इस नए ब्लड ग्रुप को सर्टिफाई किया है । जिसे डॉक्टरों ने INRA नाम दिया है जोकि पहले दो शब्द इंडिया और बाद के दो शब्द ब्लड देनेवाली महिला के नाम से लेकर बनाया गया है । हालांकि, रिसर्च के चलते डॉक्टरों ने महिला की पहचान को अभी छिपा रखा है । इस तरह के अनोखे ब्लड की खोज का हिस्सा बननेवाले डॉक्टर भी इससे काफी खुश नजर आ रहे है ।
ब्लड ग्रुप पर अभी कुछ और रिसर्च जारी है - डॉ. सनमुख जोशी
इस अनोखे ब्लड को लेकर लोक समर्पण ब्लड बैंक के प्रमुख डॉक्टर जोशी डॉ. सनमुख जोशी बताते हैं, "हम ब्लड ग्रुप पर अभी कुछ और रिसर्च कर रहे हैं। यह ब्लड क्यों सबसे अलग है? कैसे बना है? ब्लड सैम्पल जिस युवती का है उसकी फैमिली के सभी मेंबर्स के ब्लड की भी जांच कर कर रहे हैं। अभी तक मानव शरीर में चार प्रकार के ब्लड ग्रुप ही ज्ञात हैं। A, B, O एवं AB। युवक के ब्लड को हमने डब्ल्यूएचओ लेबोरेटरी भेजा था। इस लैब में दुनिया में ज्ञात सभी तरह के ब्लड ग्रुप मौजूद हैं। यहां तमाम तरह की जांच की गई। लेकिन इस सैम्पल से कोई भी ब्लड ग्रुप किसी से मैच नहीं हुआ। इसके बाद लैब ने अपनी जांच के बाद इस बात को स्वीकृति दी है कि यह ब्लड ग्रुप पूरी दुनिया में इकलौता है। ऐसे में इस तरह के अनोखे ब्लड ग्रुप होने के चलते व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। वो न किसी को अपना खून दे सकता है और ना ही ले सकता है । कभी उसका खुद कोई ऑपरेशन हो तो डॉक्टरों को उसका ही खून पहले लेकर रखना होगा ।
उल्लेखनीय दुनिया में सात रेयर ब्लड ग्रुप जो किसी से मैच नहीं करते हैं । इन्हें मेडिकल भाषा में ‘COLTOL’ कहते हैं। इनमें से एक इंडिया में है। इसके अलावा बोम्बे ब्लड ग्रुप है जो सात हजार में से किसी एक के पास होता है। वही अब सूरत के डॉक्टरों के पास भी एक ऐसा ब्लड ग्रुप है जो दुनिया में किसी के पास नहीं है । सूरत के डॉक्टर अब इस ब्लड ग्रुप को लेकर ब्लड सैम्पल देनेवाली महिला के परिवार से लेकर उसके जेनेटिक हिस्ट्री तक की खोज में जुट गयी है ।