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हिंदी दिवस: गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे दीनदयाल उपाध्याय इनडोर स्‍टेडियम, कहा- भाषा की लघुता ग्रंथि को उखाड़ फेंकने का समय

हिंदी दिवस केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सूरत में स्थित दीनदयाल उपाध्याय इनडोर स्‍टेडियम में हिंदी दिवस समारोह और द्वितीय राजभाषा सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्‍होंने कहा कि आज राजभाषा को ज्ञान और अनुसंधान की भाषा का संकल्प लेने का दिन है।

By Arijita SenEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2022 05:03 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 06:48 PM (IST)
हिंदी दिवस: गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे दीनदयाल उपाध्याय इनडोर स्‍टेडियम, कहा- भाषा की लघुता ग्रंथि को उखाड़ फेंकने का समय
अमित शाह हिंदी दिवस पर पहुंचे दीनदयाल उपाध्याय इनडोर स्‍टेडियम

अनंत विजय, सूरत। हिंदी दिवस (Hindi Divas) समारोह और द्वितीय राजभाषा सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दीनदयाल उपाध्याय इनडोर स्‍टेडियम में किया। अमित शाह ने कहा कि देश की सांस्कृतिक धारा की प्राण हिंदी है।

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उन्होंने कहा कि वर्तमान समय भाषा की लघु ग्रंथि को उखाड़ फेंकने का समय है क्योंकि बहुत दिनों से स्वभाषा की बात हो रही है लेकिन उस दिशा में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है। भाषा क्षमता की परिचयाक नहीं होती। देश के युवाओं को इस लघुता ग्रंथि से आगे बढ़ना होगा। अपनी भाषा में अध्ययन और मौलिक चिंतन करके स्वभाषा को ताकत देनी होगी।

गृह मंत्री ने कहा, 'आज राजभाषा को ज्ञान और अनुसंधान की भाषा का संकल्प लेने का दिन है। तापी के किनारे इस विशाल सभागार में राजभाषा सम्मेलन और हिंदी दिवस समारोह मनाने का निर्णय दो कारणों से लिया गया। ये वीर नर्मद की भूमि है जिन्होंने सबसे पहले अपनी भाषाओं के महत्व को रेखांकित किया था।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'वह इस देश के शासन को हिंदी में चलाने के पक्षधर थे। दूसरा कारण ये है कि सूरत उत्साह और मनोरथ सिद्ध करने की भूमि है। पहला सम्मेलन काशी में हुआ था, जहां के लोगों ने खड़ी बोली हिंदी के योगदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब वीर नर्मद की भूमि से उस संकल्प को चरितार्थ करने का संकल्प लेना है।'

गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी मन की भाषा है, राष्ट्र प्रेम की भाषा है और आमजन की भाषा है। गांधी भी कहते थे कि हिंदी के बिना राष्ट्र गूंगा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्राथमिक शिक्षकों से लेकर उच्च शिक्षा तक स्वभाषा का उपयोग बढ़ने वाला है। यह नीति स्वभाषा में न्यायालय, व्यवसायिक और तकनीकी शिक्षा का माध्यम बनेगा। उन्होंने अपने वक्तव्य में स्वभाषा और स्थानीय भाषा की महत्ता पर भी बल दिया।


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