राहुल गांधी को सजा सुनाते हुए सूरत की अदालत की टिप्पणी, कहा- कम सजा देने से जनता में जाएगा गलत संदेश
अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई। सजा सुनाते हुए सूरत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हरीश हसमुख वर्मा ने कहा कि यदि कांग्रेस नेता को कम सजा दी जाती है तो इससे जनता में गलत संदेश जाएगा
सूरत, प्रेट्र: गुजरात के सूरत शहर की एक अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई। सजा सुनाते हुए सूरत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हरीश हसमुख वर्मा ने कहा कि यदि कांग्रेस नेता को कम सजा दी जाती है, तो इससे जनता में गलत संदेश जाएगा और मानहानि कानून का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
राहुल को थे सतर्क रहने के निर्देश
अदालत ने 2018 में राहुल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा ''चौकीदार चोर है'' टिप्पणी पर शुरू की गई आपराधिक अवमानना कार्यवाही का भी उल्लेख किया। कहा कि शीर्ष अदालत ने उन्हें बिना शर्त माफी मांगने के बाद भविष्य में ''सतर्क'' रहने के लिए कहा था। मजिस्ट्रेट ने कहा, भले ही राहुल को सुप्रीम कोर्ट ने सतर्क रहने की सलाह दी थी, लेकिन उनके आचरण में कोई बदलाव नहीं दिखता है।
राहुल गांधी ने बिना शर्त मांगी थी माफी
बताते चलें कि ''चौकीदार चोर है'' टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट को गलत तरीके से उद्धृत करने के लिए राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत में बिना शर्त माफी मांगी थी। सजा पर सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने सूरत की अदालत में कहा कि वे किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं। उनके वकील ने भी कहा कि कांग्रेस नेता ने जान-बूझकर किसी को अपमानित नहीं किया है। इसलिए उन्हें हल्की सजा दी जानी चाहिए। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने कहा कि अभियुक्त एक सांसद हैं। हल्की सजा देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।