सूरत में सम्मान समारोह में लगे ‘अमित शाह वापस जाओ' के नारे, कुर्सियां भी फेंकी गईं
बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह के यहां हुए प्रोग्राम में जमकर हंगामा हुआ। गुरुवार को पाटीदार नेताओं का सम्मान समारोह रखा गया था। इसमें बीजेपी प्रेसिडेंट बतौर चीफ गेस्ट आए थे। गुजरात के सीएम विजय रूपाणी भी मौजूद थे। तभी वहां 'अमित शाह गो बैक' के नारे लगे। जमकर कुर्सियां और पानी की बोतलें फेंकी गईं। हंगामा इस कद्र बढ़ता गया कि शाह महज 4 मिनट और रूपाणी सिर्फ 2 मिनट बोल पाए।
सूरत। बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह के यहां हुए प्रोग्राम में जमकर हंगामा हुआ। गुरुवार को पाटीदार नेताओं का सम्मान समारोह रखा गया था। इसमें बीजेपी प्रेसिडेंट बतौर चीफ गेस्ट आए थे। गुजरात के सीएम विजय रूपाणी भी मौजूद थे। तभी वहां 'अमित शाह गो बैक' के नारे लगे। जमकर कुर्सियां और पानी की बोतलें फेंकी गईं। हंगामा इस कद्र बढ़ता गया कि शाह महज 4 मिनट और रूपाणी सिर्फ 2 मिनट बोल पाए। बताया जा रहा है कि नारेबाजी और हंगामा करने वाले लोग हार्दिक पटेल के सपोर्टर्स थे जो महीनों से गुजरात में आरक्षण अांदोलन चला रहे हैं।
कुछ पाटीदार नेता हिरासत में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाह की मीटिंग से पहले कुछ पाटीदार नेताओं को हिरासत में लिया गया था। लेकिन इसके बावजूद कुछ नाराज लोगों ने 'अमित शाह गो बैक' और ‘हार्दिक-हार्दिक’ नारेबाजी की। सभा में आए कुछ लोगों को भी हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पाटीदार सम्मान समिति ने पटेल-पाटीदार कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वाले विधायकों और मंत्रियों के लिए यह प्रोग्राम रखा था।
बीजेपी ने नहीं दिया रिएक्शन
अमित शाह की सभा में हंगामे पर फिलहाल बीजेपी की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है। इस मीटिंग में यूनियन मिनिस्टर पुरषोत्तम रूपाला भी मौजूद थे। बताया जाता है कि पाटीदार समुदाय के लोग हार्दिक पटेल पर बीजेपी के रुख से सख्त नाराज थे।
क्यों खफा हैं पाटीदार?
गुजरात में पिछले डेढ़ साल में पाटीदार कम्युनिटी आरक्षण की मांग कर रही है। उनकी इस मांग के चलते पिछले साल गुजरात के कई शहरों में काफी हिंसा हुई थी। बीजेपी सरकार ने हिंसा से निपटने के लिए सख्ती दिखाई। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ देशद्रोह का मामला चल रहा है। वे फिलहाल राजस्थान में रह रहे हैं।
क्या है गुजरात में पटेल-पाटीदार कम्युनिटी का आंदोलन?
पटेल-पाटीदार कम्युनिटी सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में 10% रिजर्वेशन की मांग कर रही थी। इस मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन की अगुआई हार्दिक पटेल ने की थी। पिछले साल जुलाई-अगस्त में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। 31 साल के बाद राज्य में इस पैमाने पर कोई आंदोलन हुआ था। महीनों चले आंदोलन के बाद गुजरात सरकार ने अगड़ी जातियों को आर्थिक आधार पर 10% रिजर्वेशन देने का एलान किया। इस रिजर्वेशन को गुजरात हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। गुजरात सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा रखा है।