गुजरात में दलितों के मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरी कांग्रेस
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गृह जिले राजकोट में दलितों ने आत्मदाह का प्रयास किया।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस ने गुजरात में सड़क से लेकर राजभवन तक विरोध प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गृह जिले राजकोट में छह-सात दलितों ने आत्मदाह का प्रयास किया और पालनपुर में ढोल बजाने जैसी मामूली बात पर दलित युवक की बेरहमी से हुई पिटाई ने विवाद की आग में घी डालने का काम किया है।
राजकोट में कचरा उठाने वाले युवक और उसकी पत्नी को पिछले रविवार को फैक्टरी मालिक और उसके साथियों ने बांधकर बेरहमी से पीटा था। पिटाई से 30 वर्षीय मुकेश की मौत हो गई। ऊना कांड के बाद हुई इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में उबाल ला दिया है। कांग्रेस इस मुद्दे को लपकने में जुटी है। गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और राजभवन पहुंचकर राज्यपाल ओपी कोहली से शिकायत की।
शैलजा ने गुजरात मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऊना में दलित युवकों की पिटाई, थानगढ़ में एके 47 से दलित युवकों की हत्या और अब राजकोट व अन्य शहरों में हो रहे हमले गुजरात के सामाजिक माहौल की ओर इशारा करती हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावडा ने गुजरात में कानून व व्यवस्था की हालत को बदतर बताते हुए कहा कि भाजपा के शासन में राज्य की हालत उत्तर प्रदेश व बिहार से भी खराब हो गई है। राज्य में कोई भी सुखी नहीं है। हर समुदाय व वर्ग पर अन्याय किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात सरकार ने असामाजिक तत्वों को खुली छूट दे रखी है। मुख्यमंत्री के गृह जिले में दलितों पर अन्याय खराब कानून व्यवस्था की हालत बताती है।