गुजरात की अदालत ने नक्सल समर्थक कोबद घंडी को पुलिस रिमांड पर भेजा
Naxalite leader Kobad Ghandi. नक्सली कोबाड़ घांडी को ट्रांसफर वारंट पर यहां लाकर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।
अहमदाबाद, जेएनएन। केंद्र सरकार अब देश में नक्सली गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कार्ययोजना पर काम कर रही है। 2010 के एक मामले में सूरत पुलिस नक्सल समर्थक सीपीआईएम नेता कोबाड़ घांडी को झारखंड से लेकर आई। उसे 31 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया गया है।
सूरत के कामरेज थाने में वर्ष 2010 में दर्ज देशद्रोह के एक मामले में 25 लोगों को आरोपित बनाया गया था। अब तक 23 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन झारखंड स्थित हजारीबाग जेल में बंद कोबाड़ घांडी को हिरासत में नहीं लिया जा सकता था। सोमवार को हजारीबाग जेल अधीक्षक ने कोबाड़ घांडी को सूरत ग्रामीण पुलिस के हवाले किया। मंगलवार को कोबाड़ घांडी को पुलिस स्थानीय अदालत में लेकर पहुंची, जहां उसके खिलाफ लगे आरोपों की पड़ताल के बाद न्यायाधीश एचआर ठाकोर ने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया।
कोबाड़ घांडी पर दक्षिण गुजरात में नक्सलियों के लिए स्लीपर सेल तैयार करने, उन्हें यहां छिपाने के लिए ठिकाने तैयार करने व सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने जैसे आरोप लगे हैं। इस मामले में एक आरोपित सीमा हिरानी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। सरकारी वकील नयन सुखडवाला ने बताया कि अहमदाबाद व पुणे को नक्सली गोल्डन कारीडोर मानते हैं। इन इलाकों में नक्सली गतिविधियों को पनपाने व इससे प्रभावित युवकों को दिशा निर्देश देने का काम कोबाड़ घांडी के जिम्मे था। झारखंड पुलिस ने उसे 2017 में ही पकड़ लिया था, लेकिन सूरत पुलिस को अब सौंपा जा सका है। मंगलवार को सूरत पुलिस ने कोबाड़ घांडी को स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां उसे 31 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है।