बस और ट्रेन में सीट नहीं, फ्लाइट से काम पर पहुंच रहे प्रवासी मजदूर
सरकार द्वारा छूट देने के बाद अब विभिन्न राज्यों की छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां खुल गई हैं। सूरत के व्यवसायियों ने मजदूरों को यह सुविधा उपलब्ध कराई है। फ्लाइट से सूरत अपने काम पर लौटना प्रवासी मजदूर सोनी के लिए बहुत ही सुखद अनुभव रहा।
सूरत, एएनआइ। कोरोना काल में अपने घरों को गए प्रवासी मजदूर अब फिर से काम पर लौटने लगे हैं। दरअसल, सरकार द्वारा छूट देने के बाद अब विभिन्न राज्यों की छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां खुल गई हैं, लेकिन श्रमिकों के न होने से ये उद्योग अभी गति नहीं पकड़ पा रहे हैं। इसी जरूरत के मद्देनजर व्यवसायी बस और ट्रेन में सीट न मिलने की स्थिति में अब मजदूरों को फ्लाइट का टिकट देकर वापस बुला रहे हैं।
बाद में फ्लाइट के टिकट का पैसा लौटा देंगे
सूरत के व्यवसायियों ने मजदूरों को यह सुविधा उपलब्ध कराई है। फ्लाइट से सूरत अपने काम पर लौटना प्रवासी मजदूर सोनी के लिए बहुत ही सुखद अनुभव रहा। वह अपने पुराने काम पर वापस आकर बहुत खुश हैं। सोनी का कहना है कि वह अब फिर से अपने परिवार को अच्छे से पाल सकेंगे। काम छोड़कर घर जाने के बाद आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी। सूरत लौटे एक अन्य प्रवासी मजदूर तेदुल ने कहा कि हम बाद में फ्लाइट के टिकट का पैसा लौटा देंगे। फिर से काम मिल गया, यही बहुत है।
ट्रेनों की भारी परेशानी
लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी ट्रेनों की सीमित संख्या के कारण हो रही है। ट्रेनों की कमी से लोगों को आवाजाही में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का यात्रा खर्च भी बढ़ गया है। ऐसे में लोगों को अनलॉक 5 की गाइडलाइंस से सबसे ज्यादा उम्मीद सभी ट्रेनों को खोले जाने की है। अब तक रेल मंत्रालय गिनती की स्पेशल ट्रेनें चला रही हैं, जिसमें लोगों को थर्ड क्लास से यात्रा के लिए भी रिजर्वेशन करवाना पड़ रहा है। इससे भी बड़ी समस्या है कि कई रूट पर पर्याप्त ट्रेनें नहीं है और रिजर्वेशन टिकट का वेटिंग पीरियड दो से तीन महीने तक का है। उम्मीद है कि त्योहारों से पहले बड़ी संख्या में ट्रेनें शुरू कर दी जाएंगी।