न्याय मिला, लेकिन देर से : हार्दिक
राजद्रोह के आरोप में नौ माह जेल में रहने के बाद पाटीदार नेता हार्दिक ने कहा कि न्याय मिला लेकिन देर से, सत्यमेव जयते में विश्वास है। 56 इंच की छाती नहीं आरक्षण चाहिए।
सूरत। राजद्रोह के आरोप में नौ माह जेल में रहने के बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल शुक्रवार को जेल से मुक्त हो गए। बाहर आते ही हार्दिक ने कहा कि उनके तेवर वही रहेंगे, आरक्षण आंदोलन किसी राजनीतिक दल की जागीर नहीं है।
पाटीदारों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हार्दिक पटेल 18 अक्टूबर 2015 से सूरत की लाजपोर जेल में बंद थे। राजद्रोह मामले में 8 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट ने उन्हें 6 माह गुजरात से बाहर रहने की शर्त पर जमानत पर छोड दिया था, विधायक के कार्यालय में तोडफोड मामले में भी उन्हें जमानत मिल गई है। हार्दिक के वकील दिलीप पटेल व रफीक लोखंडवाला ने स्थानीय कोर्ट में बताया कि हार्दिक 6 माह उदयपुर 190 श्रीनाथ नगर एयरपोर्ट रोड पर रहेंगे। जेल से बाहर आने पर कांग्रेस, आप व एनसीपी के नेताओं ने हार्दिक का स्वागत किया। हार्दिक रैली व रोड शो करते हुए देर रात तक अहमदाबाद पहुंचे।
हार्दिक ने जेल से बाहर आते ही कहा कि न्याय मिला लेकिन देर से, सत्यमेव जयते में विश्वास है। हार्दिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीपर सीधे कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें 56 इंच की छाती नहीं आरक्षण चाहिए। हार्दिक साफ किया कि 9 माह जेल में रहने के बाद भी उनके तेवर पहले जैसे ही रहेंगे वे किसी के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं। उनके साथी चिराग पटेल ने बताया कि हार्दिक को 20 राजयों के पाटीदार समाज की ओर से न्यौता मिला लेकिन 6 माह वह उदयपुर रहेगा ताकि कानूनी प्रक्रिया के लिए अहमदाबाद आना जाना पडे तो नजदीक रहे। चिराग ने कहा कि सरकार ने आंदोलन को हमेशा तोडने का प्रयास किया लेकिन पाटीदार समाज आज भी एकजुट है। पाटीदार नेता दिनेश बामणिया ने कहा कि सरकार को पाटीदार समाज की मांग गंभीरता से लेनी चाहिए, बैर भाव से आंदोलन को दबाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।