Gujarat: किसान संघ ने संशोधित बीज पर एकाधिकार ठुकराया, सीएम बोले-फसल बीमा के लिए बनाएंगे दबाव
Gujarat CM Vijay Rupani. गुजरात में किसान संघ ने पेप्सी कंपनी के आलू के संशोधित बीज पर एकाधिकार को ठुकरा दिया है।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। Gujarat CM Vijay Rupani. गुजरात में किसानों के अधिकारों को लेकर सरकार, संगठन व किसान संघ ने एक साथ कंपनियों पर हमला बोला है। किसान संघ ने जहां पेप्सी कंपनी के आलू के संशोधित बीज पर एकाधिकार को ठुकरा दिया है, वहीं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि फसल बीमा के लिए वह कंपनी पर दबाव बनाएंगे।
भारतीय किसान संघ गुजरात का कहना है कि चिप्स के उपयोग में आने वाले आलू के बीज एफसी-5 को लेकर इसका परिशोधन करने वाली कंपनी पेप्सी गुजरात के किसानों को करोड़ों रुपये के मुआवजे का डर दिखाकर चिप्स के लिए खास किस्म एफसी-5 आलू के उत्पादन, बिक्री व बीज के फिर से इस्तेमाल को अवैध बता रही है। कंपनी के इस व्यवहार से प्रदेश के किसान भयभीत हैं।
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष विट्ठल दुधात्रा और बीज अधिकार मंच के कपिल शाह आदि का कहना है कि पेप्सी कंपनी किसानों को किसी भी तरह से बाध्य नहीं कर सकती। प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेरायटी एंड फार्मस राइट अधिनियम 2001 के तहत किसान किसी भी किस्म का बीज बोने, फसल लेने व कहीं पर भी निर्यात करने का अधिकार रखता है।
वहीं, किसान कांग्रेस सेल प्रमुख पाल अंबालिया का कहना है कि किसानों की फसल बेमौसम की बरसात के कारण नष्ट हो गई, लेकिन सरकार इन किसानों को कोई लाभ देने को तैयार नहीं है।
सरकार ने गत दिनों ही फसल के खराबे बतौर 3795 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर दी है। जामनगर से सांसद पूनम जाडेजा ने भी सौराष्ट्र के किसानों के फसल बीमा की लंबित मांगों को पूरा करने को आवाज उठाई। माडम ने संसद में इस मुद्दे को उठाया बाद में पत्रकारों को बताया कि किसानों से प्रीमियम का पैसा लेकर भी बीमा कंपनी फसल का बीमा नहीं चुकता कर रही है।
इस बीच, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि बीमा कंपनी पर दबाव बनाकर जल्द ही उन्हें फसल बीमा की रकम दिलाएंगे। राज्य सरकार ने बीते माह में बेमौसम की बरसात के चलते खराब हुई फसल के लिए राज्य के 56 लाख किसानों के लिए 3795 करोड़ का पैकेज अलग से जारी किया है, इसके लिए 31 दिसंबर तक किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।