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हीरा कारोबारी ने कर्मचारियों को दीपावली तोहफे में दिए 400 फ्लैट, 1,260 कारें

सूरत के अरबपति हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया ने इस बार दीपावली बोनस के रूप में अपने कर्मचारियों को 400 फ्लैट और 1,260 कार उपहार में दी हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 28 Oct 2016 02:56 AM (IST)Updated: Fri, 28 Oct 2016 03:07 AM (IST)
हीरा कारोबारी ने कर्मचारियों को दीपावली तोहफे में दिए 400 फ्लैट, 1,260 कारें

सूरत। ब्यूरो, एजेंसी। सूरत के अरबपति हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया ने इस बार दीपावली बोनस के रूप में अपने कर्मचारियों को 400 फ्लैट और 1,260 कार उपहार में दी हैं। ढोलकिया की डायमंड कंपनी हरे कृृष्णा एक्सपोट्र्स ने इस साल दीपावली बोनस पर 51 करा़े$ड रुपए की राशि खर्च की है। हरे कृृष्णा एक्सपोट्र्स का दुनिया के 71 देशों में हीरे का कोराबार है और उसका सालाना टर्नओवर 6,000 करोड़ रुपए है।
इस साल कंपनी अपनी स्वर्ण जयंती भी मना रही है। कंपनी ने 1716 कर्मचारियों को इस साल 'बेस्ट परफॉर्मर' की सूची में भी शामिल किया है। कंपनी ने एक अनौपचारिक बैठक में बोनस की घोषणा की।
पिछले साल दी थी 491 कारें, 200 फ्लैट
पिछले साल ढोलकिया की कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 491 कारें और 200 फ्लैट दीपावली बोनस के रूप में दिए थे। तब कंपनी ने दीपावली बोनस पर 50 करोड़ रुपए की राशि खर्च की थी। सावजी ढोलकिया का मानना है कि ऐसे तोहफे देकर वह कंपनी की तरक्की में योगदान दे रहे लोगों को प्रोत्साहित करते हैं।
बेटे को संघर्ष समझाने के लिए रहे हैं सुर्खियों में
ढोलकिया का मानना है कि बिना मेहनत के कोई भी रातोरात अमीर नहीं बन सकता है। इसी बात को अपने बेटे को समझाने के लिए उन्होंने उसे घर से दूर कोच्चि भेजा था। उन्होंने अपने बेटे को साथ में केवल तीन जोड़ी कपड़े और सात हजार रुपए दिए ताकि वह जिंदगी की कठिनाइयों को भी समझ सके।
कुल 5500 कर्मचारी हैं
हरे कृष्णा एक्सपोट्र्स में कुल 5500 कर्मचारी हैं। जिन कर्मचारियों को तोहफे के लिए चुना गया उनका वेतन 10 हजार से 60 हजार रुपए के बीच है। वहीं, जिन कर्मचारियों को घर दिए गए हैं, उन्हें कोई भी डाउनपेमेंट नहीं करना होगा। कंपनी खुद ही डाउनपेमेंट करेगी और इन कर्मचारियों के लिए अगले पांच साल तक प्रतिमाह पांच हजार रुपए की किश्त चुकाएगी। इसके अलावा, 56 कर्मचारियों को तोहफे में आभूषण भी दिए गए।
कभी खुद नौकर थे हीरा फैक्टरी में
सावजी भाई ढोलकिया मूलत: गुजरात में अमरेली जिले के दुद्याला गांव के रहने वाले हैं। वह 1977 में मात्र 12.50 रुपए टिकट के पैसे लेकर अमरेली से सूरत आए थे। सूरत में उन्होंने 1977 में हीरा फैक्टरी में काम कर अपने कॅरिअर की शुरुआत की। उस वक्त हर महीने उन्हें 169 रुपए पगार मिलती थी। बाद में उन्होंने अपने चाचा से कर्ज लिया व हीरे का कारोबार शुरू किया और आज उसे इस मुकाम पर पहुंचाया है।

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