बजट सत्र के चौथे दिन कांग्रेस बनी आक्रामक, हंगामा
नितिन पटेल ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस जाने कहां से आंकड़े लाती है, उनके आरोप में कोई सत्यता नहीं है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात विधानसभा में चौथे दिन मनरेगा, केरोसिन व फसल बीमा के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने जमकर हंगामा मचाया। कांग्रेस विधायक वीरजी ठुम्मर ने सरकार पर फसल बीमा के नाम पर कंपनी को 25 हजार करोड रुपये लुटाने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि कांग्रेस झूठे आरोप लगाकर वाह वाही लेने का प्रयास कर रही है, विपक्ष के दावों में सत्यता नहीं है।
बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता विपक्ष परेश धनानी के साथ कांग्रेस विधायक हर्षद रिबडिया, ललित वसोया आदि ने वैल में आकर किसानों को कपास व मूंगफली के उचित दाम नहीं मिलने को लेकर हंगामा मचाया था, विधायकों ने जेब में छिपाकर लाई गई मूंगफली सदन में उछाली थी। चौथे दिन एक बार फिर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाते हुए सरकार को फसल बीमा तथा केन्द्र से मिलने वाले मनरेगा के अनुदान राशि तथा केरोसीन के आवंटन में कमी को लेकर राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया। कांग्रेस विधायक हर्षद रिबडिया ने भाजपा सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि यूपीए सरकार के काल में गुजरात सरकार टीवी पर ऐसे मामलों में गुजरात को केंद्र सरकार का थप्पड़ जैसे विज्ञापन दिखाकर विरोध जताती थी, अब एनडीए सरकार ने गुजरात के लिए मनरेगा के अनुदान व केरोसीन के आवंटन में भारी कटौती कर दी है, राज्य सरकार को थप्पड़ वाले विज्ञापन फिर से टीवी पर चलाने चाहिए।
उधर, फसल बीमा को लेकर कांग्रेस विधायक वीरजी ठुम्मर ने राज्य सरकार पर एक निजी कंपनी को 25 हजार करोड रुपये का फायदा कराने का आरोप लगाया। ठुम्मर का आरोप है कि सरकार ने कंपनी को प्रीमियम की रकम दे दी, लेकिन पीड़ित किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला। सौराष्ट्र में कई जगह किसानों की फसल बर्बाद हुई, जिसके बदले उन्हें दो सौ व पांच सौ रुपये तक के मुआवजे के चैक भेजे गए। सरकार व बीमा कंपनी ने किसानों के साथ मजाक किया है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस जाने कहां से आंकड़े लाती है, उनके आरोप में कोई सत्यता नहीं है। दिग्गज कांग्रेस नेताओं के अभाव में कांग्रेस के युवा विधायक सदन में पार्टी व जनता की बात पूरे दमखम से रखने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन फिलहाल उनका संसदीय लय में आना बाकी है।