रूपाणी और अल्पेश की मुलाकात से गरमाई गुजरात की सियासत
CM vijay rupani. गुजरात में कांग्रेस से नाराज चल रहे विधायक अल्पेश ठाकोर की सीएम विजय रूपाणी से मुलाकात के बाद उनके पार्टी छोड़ने तक की अटकलें शुरू हो गई हैं।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने भी कांग्रेस पर गठबंधन का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। समझौता नहीं होने पर इनके स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की स्थिति में सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा। कांग्रेस से नाराज चल रहे विधायक अल्पेश ठाकोर की सीएम विजय रूपाणी से मुलाकात से उनके पार्टी छोड़ने तक की अटकलें शुरू हो गई हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ क्षत्रिय नेता शंकर सिंह वाघेला के हाल ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस पर राकांपा के साथ गठबंधन का दबाव बढ़ गया है। वाघेला ने विधानसभा चुनाव में भी जनविकल्प नामक मोर्चा बनाकर करीब सवा सौ उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया था। कांग्रेस को दस से अधिक सीटों पर इससे नुकसान उठाना पड़ा था। कांग्रेस की ओर से गठबंधन से इनकार के बावजूद राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने अहमदाबाद में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही इस संबंध में फैसला कर सकते हैं और किसी के बयान का महत्व नहीं है।
कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे विधायक व ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने गुरुवार को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मुलाकात कर राजनीतिक गलियारों में उनके पार्टी छोड़ने की अटकलों को और तेज कर दिया है। अल्पेश फिलहाल किसी के संपर्क में नहीं हैं, लेकिन उनके साथी विधायक धवल सिंह झाला ने बताया कि कांग्रेस में चुनावी रणनीति को लेकर मतभेद चल रहे हैं। अल्पेश इसी बातको लेकर पार्टी को आगाह करा चुके, लेकिन यहां कोई सुनने वाला नहीं है।
गौरतलब है कि वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला भी दो साल पहले ऐसे ही आरोप लगाकर कांग्रेस से अलग हुए थे। सीएम रूपाणी से मुलाकात पर झाला बताते हैं कि शराब के अवैध अड्डों पर जनता रेड के मामले में पुलिस बार बार नोटिस भेज रही है, वहीं ओबीसी एकता यात्रा को लेकर भी पुलिस की कार्यशैली को लेकर अल्पेश मुख्यमंत्री से मिले हैं। रूपाणी ने भी कहा कि उनसे हर दल के विधायक मुलाकात करने आते हैं, अल्पेश ने भी उसी तरह मुलाकात की है।
भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता छोटूभाई वसावा ने कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने की सूरत में भरुच, वलसाड सहित तीन सीट पर चुनाव लड़ने की बात कही है। हालांकि कांग्रेस ने भरूच सीट बीटीपी के लिए छोड़ने का मन बना लिया है, लेकिन इस पर अंतिम मुहर दिल्ली में बैठक के बाद ही लगेगी इसलिए बीटीपी लगातार दबाव बना रही है। राज्यसभा चुनाव में बीटीपी ने अहमद पटेल को मत दिया, जिसके बदले में कांग्रेस बीटीपी के लिए एकसीट छोडने को तैयार है।
कांग्रेस गुजरात की 26 में से 23 सीट पर ही चुनाव लड़ेगी। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता व विधायक जिग्नेश मेवाणी के लिए कांग्रेस एक-एक सीट छोड़ेगी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देने वाले व भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे दोनों नेताओं के खिलाफ कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
बीटीपी गुजरात व राजस्थान की आदिवासी बहुल सीटों पर चुनाव लडने की रणनीति पर काम कर रही है। गुजरात में कांग्रेस से गठबंधन हुआ तो भरुच से लोकसभा चुनाव लड़ेगे। राजस्थान में बांसवाडा, डूंगरपुर से भी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने पर सामान्य सीटों पर भी पार्टी अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
-गोविंद जादव, वरिष्ठ नेता भारतीय ट्राइबल पार्टी।
हिंदू महासभा के नेता के साथ दिखेंगे मेवाणी
उना दलित कांड को लेकर आंदोलन कर अपनी पहचान बनाने वाले विधायक जिग्नेश मेवाणी आमतौर पर हिंदू संगठन व हिंदुत्ववादी राजनीति के खिलाफ बयान देते नजर आते हैं, लेकिन आगामी आठ फरवरी को वे हिंदू महासभा के नेता स्वामी चक्रपाणी के साथ राजकोट में मंच पर नजर आएंगे। किसानों की कर्जमाफी व फसल बीमा जैसे मुद्दों को लेकर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसमें चक्रपाणी व जिग्नेश दोनों शामिल होंगे। हार्दिक पटेल का कहना है कि वे अपने मंच पर विविध दल व संगठनों के नेताओं को आमंत्रित करते हैं, भाजपा नेताओं को भी बुलाया लेकिन वे उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं।