गुजरात में अनुसूचित जाति के युवक की बरात रोकने पर संघर्ष, पथराव में कई ग्रामीण समेत पुलिसकर्मी भी घायल
Clash in Gujarat. गुजरात में अनसूचित जाति के युवक की बरात को जब पाटीदार समाज के लोगों ने रोक दिया तो हिंसक झड़प हो गई।
अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात में बरात निकालने को लेकर जातीय संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालिया मामला अरावली का है। यहां रविवार को अनसूचित जाति के युवक की बरात को जब पाटीदार समाज के लोगों ने रोक दिया तो हिंसक झड़प हो गई। इसमें कई ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करनी पड़ी।
पुलिस के अनुसार, खंबियासर गांव में रविवार की शाम जब अनुसूचित जाति के युवक की बरात निकली तो गांव के पाटीदार समाज के लोगों ने उसे रोक दिया। पांच घंटे से ज्यादा समय तक बरात वहीं रुकी रही। तनातनी के बाद दोनों समुदायों की ओर जमकर पथराव किया गया।
गांधीनगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मयंक चावड़ा ने बताया, 'घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। दूल्हे के परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है।' क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए दोनों समुदाय के प्रमुख लोगों की बैठक बुलाई गई है। हालांकि, दूल्हे पक्ष के लोग इस घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्व में पुलिस से सुरक्षा की मांग की गई थी, लेकिन उपलब्ध नहीं कराई गई। उल्लेखनीय है कि हाल ही में दो गांवों में अनुसूचित जाति के युवक की बरात को लेकर विवाद हो चुका है।
साबरकांठा में पुलिस सुरक्षा में निकली बरात
साबरकांठा जिले के सितवादा गांव में रविवार को ठाकोर समाज के विरोध के बाद अनुसूचित जाति के युवक की बरात पुलिस सुरक्षा में निकाली गई। एक ग्रामीण ने बताया कि ठाकोर समाज के लोगों द्वारा बरात को भीखाभाई वनिया मंदिर तक ले जाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद अनिल राठौड़ के परिजन ने पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। ठाकोर समाज ने घुड़चढ़ी पर भी आपत्ति जताई थी। डीएसपी मीनाक्षी पटेल ने बताया कि दूल्हे के परिवार की अर्जी पर सुरक्षा मुहैया कराई गई। दूल्हे ने मंदिर में पूजा भी की। शादी शांतिपूर्वक संपन्न हुई।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप