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आसाराम ने इस तरह खड़ा किया साम्राज्य, अब बेटी भारती संभालेगी आश्रम

आसाराम एक जमाने में चाय बेचा करता था। उसने तांगा भी चलाया है। अब वह दस हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 03:14 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 05:23 PM (IST)
आसाराम ने इस तरह खड़ा किया साम्राज्य, अब बेटी भारती संभालेगी आश्रम
आसाराम ने इस तरह खड़ा किया साम्राज्य, अब बेटी भारती संभालेगी आश्रम

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। एक समय में स्वयंभू बाबा आसाराम की दुनियाभर में करोड़ों लोग पूजा करते थे। कई भक्त तो आसाराम को साक्षात ईश्वर का प्रतिरूप मानते थे। लोगों की इन्हीं भावनाओं का दोहन कर स्वघोषित बाबा और उसके बेटे नारायण साईं ने 10 हजार करोड़ रुपये का भक्ति साम्राज्य खड़ा कर लिया। हालांकि एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद उसकी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल गई।

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आसाराम की जिंदगी के शुरुआती दिन बेहद गरीबी में गुजरे थे। आसाराम का जन्म 17 अप्रैल, 1941 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बेरानी गांव में हुआ था। असुमल सिरुमलानी उर्फ आसाराम का परिवार 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान से अहमदाबाद आ गया था। पिता लकड़ी और कोयले का कारोबार करते थे। पिता की मौत के बाद आसाराम ने घर संभालने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। उस समय वह मणिनगर इलाके के एक स्कूल में चौथी कक्षा तक ही पढ़ पाए थे। पिता का कारोबार संभाला लेकिन मन नहीं लगा। 1963 में वह अजमेर आ गया था। उसने यहां दो साल तक तांगा चलाया और चाय तक बेची।

15 साल की उम्र में छोड़ा घर

15 साल की उम्र में आसाराम ने घर छोड़ दिया और गुजरात के भरूच स्थित एक आश्रम में आ गया। यहां आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह से उसने दीक्षा ली। दीक्षा के बाद लीलाशाह ने ही उसका नाम आसाराम बापू रखा था। 1972 में आसाराम ने मोटेरा में साबरमती नदी के किनारे अपनी पहली कुटिया बनाई। यहां से आसाराम का आध्यात्मिक प्रोजेक्ट धीरे-धीरे गुजरात के बाद देश के दूसरे राज्यों और विदेशों तक फैल गया।

ऐसे खड़ा किया साम्राज्य

जैसे-जैसे आसाराम मशहूर हुआ, उसने अपना भक्ति का कारोबार भी बढ़ाया। चंदे के पैसों से अपने ब्रांड की पत्रिकाएं, प्रार्थना पुस्तकें, सीडी, साबुन, अगरबत्ती तक बेचना शुरू किया। आश्रम से प्रकाशित दो पत्रिकाओं ऋषि प्रसाद और लोक कल्याण सेतु की 14 लाख प्रतियां बिकती थीं, जिनसे सालाना 10 करोड़ रुपये के आसपास आय होती थी।

आसाराम ने प्रवचन के बाद प्रसाद के नाम पर मुफ्त भोजन वितरित करना शुरू किया। इससे भक्तों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। बेटे नारायण साई के साथ मिलकर देश-विदेश में फैले 400 आश्रमों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस व्यापक प्रभाव के साथ-साथ आसाराम की संपत्ति 10 हजार करोड़ रुपये बताई जाती है। फिलहाल उसके चार करोड़ अनुयायी बताए जाते हैं।

शादी के पहले घर से भागा

आसाराम की शादी लक्ष्मी नाम की लड़की से तय हो गई थी। शादी तय होने के आठ दिन पहले ही वह घर छोड़कर भाग गया था। हालांकि बाद में उसने शादी की। लक्ष्मी देवी से उसके दो बच्चे नारायण साई और भारती देवी हैं।

अब बेटी संभालेगी आश्रम

आश्रम के संचालन को लेकर आसाराम के बेटे नारायण साई और पुत्री भारती के बीच खींचतान थी लेकिन नारायण के भी यौन उत्पीड़न मामले में फंसने के बाद अब आश्रम की कमान भारती के हाथ में आने की संभावना है।


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