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Gujarat: बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 700 करोड़ का पैकेज घोषित

Gujarat Government. सरकार बीमा कंपनियों के सर्वे के बाद जिला कलेक्‍टर्स के माध्‍यम से फसल खराब होने वाले किसानों के खाते में सहायता राशि जमा कराएगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 01:34 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 04:08 PM (IST)
Gujarat: बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 700 करोड़ का पैकेज घोषित
Gujarat: बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 700 करोड़ का पैकेज घोषित

अहमदाबाद, जेएनएन। Gujarat Government. बेमौसम की बरसात से गुजरात के किसानों की तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिसके बाद राज्‍य सरकार ने ऐसे किसानों के लिए 700 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि यह सहायता फसल बीमा से अलग होगी।

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गांधीनगर स्‍वर्णिम संकुल में पत्रकारों को उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी की अध्‍यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्‍य में बेमौसम की बारिश से हुए किसानों की फसल के नुकसान को लेकर चर्चा की गई। सरकार बीमा कंपनियों के सर्वे के बाद जिला कलेक्‍टर्स के माध्‍यम से फसल खराब होने वाले किसानों के खाते में सहायता राशि जमा कराएगी। नितिन पटेल ने बताया कि सिंचाई क्षेत्र की जमीन वाले किसानों को प्रति हेक्‍टेयर 113500 रुपये तथा बिन सिंचाई वाली भूमि वाले किसानों को 6800 रुपये प्रति हेक्‍टेयर आर्थिक सहायता दी जाएगी। पटेल ने बताया कि यह सहायता उन्‍हीं किसानों को मिलेगी, जिनकी फसल 33 प्रतिशत से अधिक खराब हुई है।

उन्‍होंने बताया कि अन्‍य किसानों को भी सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। उपमुख्‍यमंत्री ने बताया कि राज्‍य में समर्थन मूल्‍य पर मूंगफली की खरीद 18 नवंबर से शुरू कर दी जाएगी। नितिन पटेल ने बताया कि राज्‍य सरकार की यह सहायता फसल बीमा की राशि से बिल्‍कुल अलग होगी। यह राज्‍य आपदा प्रबंधन कोष दी जाएगी, जिसमें 75 फीसद केंद्र व 25 फीसद हिस्‍सेदारी राज्‍य सरकार की होती है। उन्‍होंने बताया कि मानसून अच्‍छा होने से इस बार खरीफ की बुवाई में कपास करीब 87 लाख हेक्‍टेयर में, मूंगफली, दाल,तिल आ‍दि की बड़ी मात्रा में बुवाई की गई। 

गौरतलब है कि बेमौसमी बारिश से गुजरात के किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। ऐसे में अब वे अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे कर पाएंगे। अब वे खून के आंसू रोने को मजबूर हैं।

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