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Gujarat: सिंचाई की सुविधा नहीं मिलने पर 300 किसानों ने दी सामूहिक आत्महत्या की धमकी

farmer of Gujarat. सरकार के इस रवैये से नाराज राछेणा व आसपास के गांवों के करीब 300 किसानों ने तहसील दार को ज्ञापन देकर सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी दी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 01:20 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 01:20 PM (IST)
Gujarat: सिंचाई की सुविधा नहीं मिलने पर 300 किसानों ने दी सामूहिक आत्महत्या की धमकी
Gujarat: सिंचाई की सुविधा नहीं मिलने पर 300 किसानों ने दी सामूहिक आत्महत्या की धमकी

अहमदाबदा, जेएनएन। farmer of Gujarat. उत्तर गुजरात की राजस्थान से जुड़ी सीमा के आस-पास के किसानों की शीत ऋतु की फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। घेराव और ज्ञापन सहित विविध युक्ति-प्रयुक्ति के बाद एक-दो दिन ही कैनाल से सिंचाई की सुविधा मुहैया करवाई जाती है। उसके बाद फिर बंद कर दी जाती है। सरकार के इस रवैये से नाराज राछेणा व आसपास के गांवों के करीब 300 किसानों ने तहसील दार को ज्ञापन देकर सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी दी है। किसानों ने ज्ञापन ने कहा है कि उन्हें सिंचाई के लिए कैनाल से पानी नहीं दिया गया तो वे सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे।

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गुजरात में इस साल 140 से फीसद से भी अधिक बारिश हुई है। यहां पिछले महीने आए महा चक्रवात के कारण किसानों की फसल भी बर्बाद हो गई है। अब उन्हें सिंचाई के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तर गुजरात के वाप तहसील के किसानों ने रैली निकाल कर तहसीलदार केके ठाकोर को ज्ञापन दिया है। किसानों की मांग है कि उन्हें माइनोर एक और दो चालूकर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इस सीजन में अभी तक उन्हें इस सुविधा से वंचित रखा गया है। यदि शनिवार सात दिसंबर तक पानी की सुविधा नहीं मिली तो 300 किसान तहसीलदार की ऑफिस के सामने सामूहिक आत्महत्या करेंगे।

किसानों ने कहा कि नर्मदा का पानी नहीं मिलने पर उनकी हालत दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। सैकड़ों किसानों पर कर्ज हो गया है। अब यह कर्ज बढ़ता जा रहा है। उनके मुताबिक, सरकार को किसानों की ओर ध्यान देना चाहिए। चूंकि फसल ही किसानों की आय का सहारा है। अगर किसानों की फसल बर्बाद हो गई तो वह अपने परिवार का भरण और पोषण  कैसे कर पाएंगे। उधर, तहसीलदार केके ठाकोर ने बताया कि किसानों की सिंचाई की समस्याओं को तुरंत हल करने का प्रयास किया जाएगा। इस बारे में संबंधित मंत्रियों तथा विभाग से विचार-विमर्ष कर किसानों के हित में अगला कदम उठाया जाएगा।

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