Move to Jagran APP

बहू की सूनी मांग देख छलक जाती थीं आंखें, दूसरा विवाह कराया; कन्‍यादान में दी सौ करोड़ रुपये की संपत्‍ति

Vitthal Radadiya. बेटे का निधन हो जाने से विट्ठल रादडिया ने मनीषा का दूसरा विवाह कराया और कन्‍यादान में सौ करोड़ रुपये की संपत्‍ति दी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 08:06 PM (IST)
बहू की सूनी मांग देख छलक जाती थीं आंखें, दूसरा विवाह कराया; कन्‍यादान में दी सौ करोड़ रुपये की संपत्‍ति
बहू की सूनी मांग देख छलक जाती थीं आंखें, दूसरा विवाह कराया; कन्‍यादान में दी सौ करोड़ रुपये की संपत्‍ति

अहमदाबाद, शत्रुघ्‍न शर्मा। मनीषा मेरी पुत्रवधू नहीं बेटी के समान है, उसकी मांग में सिंदूर नहीं देखकर आंखें छलक जाती हैं। बेटे का निधन हो जाने से विट्ठल रादडिया ने मनीषा का दूसरा विवाह कराया और कन्‍यादान में सौ करोड़ रुपये की संपत्‍ति दी। इस तरह रादडिया ने पाटीदार समाज को एक नई सोच दी।

loksabha election banner

गुजरात के पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद रादडिया अब नहीं रहे। सोमवार को लंबी बीमारी के बाद उन्‍होंने अंतिम सांस ली लेकिन एक दबंग, किसान व गरीब हितैषी नेता के रूप में वे लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गए। सौराष्‍ट्र के सहकारी जगत में उनका डंका बजता था। छोटे बेटे कमलेश का हृदयाघात के कारण निधन हो जाने पर विट्ठल भाई व उनकी पत्‍नी चेतना बेन ने पुत्रवधू मनीषा का दूसरा विवाह कराया और कन्‍यादान करके उसे सौ करोड़ रुपये कीमत की संपत्‍ति भी दी। इसमें सूरत व राजकोट में एक एक बंगला, खेती की जमीन तथा नकदी शामिल है। विट्ठल भाई ने तब समाज के लोगों से कहा था कि वे शुरुआत नहीं करेंगे तो समाज कैसे सुधरेगा, और पुत्रवधू के पुनर्विवाह का फैसला किया।

उन्‍होंने जामकंडोरणा तहसील पंचायत में अपना अलग पैनल बनाकर चुनाव लड़ा और अध्‍यक्ष बन गए। युवावस्‍था में ऐसी दबंगई देख भाजपा नेता शंकर सिंह वाघेला को पड़ी तो वाघेला उन्‍हें भाजपा में लाए। धोराजी से चुनाव लड़कर अब रादडिया विधानसभा पहुंच गए। सहकारी मंडलियों, सहकारी बैंक व किसान संगठनों में रादडिया आजीवन सक्रिय रहे। केशुभाई पटेल की सरकार में वे पहली बार राज्‍य मंत्री बनाए गए। वाघेला जब भाजपा से अलग हुए तो रादडिया पहले विधायक थे जो उनके साथ आए थे, उन्‍हें इसका इनाम भी मिला और वे वाघेला सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद रादडिया सांसद चुने गए और इफको में निदेशक भी बने लेकिन अपने राजनीतिक गुरु वाघेला को जब कांग्रेस ने 2012 में नेता विपक्ष बनाया तो रादडिया नाराज होकर वापस भाजपा में लौट गए।

उनके पुत्र व राज्‍य के मंत्री जयेश रादडिया ने बताया कि जामकंडोरणा में दोपहर एक बजे तक पार्थिक देह को दर्शन के लिए रखा जाएगा उसके बाद उनका अंतिम संस्‍कार किया जाएगा। राज्‍यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल, ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल, कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष अर्जुन भाई मोढवाडिया सहित कई नेताओं ने रादडिया के निधन पर दुख जताया है। मुख्‍यमंत्री रूपाणी व कांग्रेस नेता मोढवाडिया मंगलवार को जामकंडोरणा पहुंचकर रादडिया को श्रद्धांजलि देंगे व अंतिम संस्‍कार में शामिल होंगे।

जानें, किसने क्या कहा

सहकारी क्षेत्र, इफको के चैयरमेन तथा कन्‍या शिक्षा के लिए विट्ठल रादडिया का योगदान उल्‍लेखनीय रहा।

-आचार्य देवव्रत, राज्‍यपाल गुजरात।

---

- विट्ठल भाई के निधन से गहरा दुख पहुंचा, गुजरात ने सहकारी क्षेत्र व सामाजिक जगत का एक अच्‍छा नेता खो दिया।

-विजय रूपाणी, मुख्‍यमंत्री गुजरात सरकार।

---

विट्ठल रादडिया का जीवन हमेशा संघर्षमय रहा, जमीन से जुड़े नेता होने के कारण वे लगातार चुनाव जीतते रहे, पार्टी व विधानसभा में उनके साथ काम किया, उनमें गहरी सूझबूझ थी।

-अर्जुन मोढवाडिया, पूर्व अध्‍यक्ष गुजरात कांग्रेस।  

गुजरात की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.