विजय रुपाणी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, आनंदीबेन के 9 मंत्रियों की छुट्टी
राज्यपाल ओ पी कोहली ने विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री व व नितिन पटेल सहित 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई। पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की नाराजगी साफ झलक रही थी।
अहमदाबाद। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने रविवार को महात्मा मंदिर में शपथ ग्रहण की। आनंदीबेन सरकार के 9 मंत्रियों की छुटटी हो गई वहीं 9 विधायक पहली बार मंत्री बने।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, तीन राज्यों के मुख्यमंत्री व देश प्रदेश के एक दर्जन दिग्गज नेताओं की हाजिरी में राज्यपाल ओ पी कोहली ने रुपाणी व नितिन पटेल सहित 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई। पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रही लेकिन उनकी नाराजगी साफ झलक रही थी। रुपाणी सरकार से पूर्व 9 मंत्रियों का पत्ता कट गया वहीं नौ नए विधायकों को पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला। वरिष्ठ मंत्री सौरभ पटेल, मंगूभाई पटेल व दलित नेता रमण वोरा का पत्ता कटना पार्टी के नए समीकरण की ओर इशारा करता है वहीं कांग्रेस से भाजपा में आए सांसद विटठल रादडिया के 40 वर्षीय पुत्र जयेश रादडिया से राज्यमंत्री से केबिनेट मंत्री बनना सौराष्ट्र को महत्व देने की ओर संकेत करता है। राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा व राज्यमंत्री शंकर चौधरी को केबिनेट दर्जा नहीं मिलना भी चर्चा का विषय रहा। अहमदाबाद पूर्व से नरोडा विधायक डॉ निर्मला वाघवानी, बापूनगर से वल्लभ काकडिया व वटवा से प्रदीपसिंह जाडेजा मंत्री बने लेकिन पश्चिम विस्तार से एक भी विधायक को सरकार में नहीं लिया गया। गौरतलब है कि इस इलाके से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह नारणपुरा से व पूर्व सीएम आनंदीबेन घाटलोडिया से विधायक हैं।
नौ को लगी लॉटरी
अहमदाबाद से विधायक डॉ निर्मला वाघवानी, वल्लभ काकडिया, वडोदरा से एडवोकेट राजेंद्र त्रिवेदी, केशाजी चौहाण, रोहित पटेल, वल्लभ वघासिया, शब्दशरण तडवी व ईश्वर पटेल पहली मंत्री बने हैं। रुपाणी सरकार में इनको मानो लॉटरी लग गई।
करीब बैठे पर चर्चा तक नहीं
पूर्व उपप्रधानमंत्री लालक्रष्ण आडवाणी, वित्तमंत्री अरुण जेटली, महाराष्ट्र के सीएम देवेनद्र फडनवीस, हरियाणा के मनोहर खटटर व झारखंड सीएम रघुवर दास, केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन, केन्द्रीय मंत्री मनसुख वसावा, गुजरात भाजपा प्रभारी डॉ दिनेश शर्मा, भाजपा संगठन महासचिव रामलाल, वी सतीश, महासचिव थावरचंद गहलोत, प्रदेश संगठन महासचिव भिखू दलसाणिया, आरएसएस प्रचारक अम्रत कडीवाला, पूर्व सांसद जयंती बारोट, सुरेन्द्र पटेल, प्रदेश महासचिव भरतसिंह परमार, प्रवक्ता भरत पंडया आदि नेता मुख्य मंच के दायीं ओर बैठे थे लेकिन फडणवीस व थावर चंद के अलावा कोई नेता आपस में बात नहीं कर रहे थे। आडवाणी अमित शाह के बगल में वहीं आनंदीबेन अरुण जेटली के पास में जरूर बैठे थे लेकिन कोई चर्चा तक नहीं कर रहे थे।
अमित शाह की पसंद से बनी सरकार
मुख्यमंत्री रुपाणी की अगुवाई में बनी गुजरात सरकार पूरी तरह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पसंद से बनी है तथा 2017 के विधानसभा चुनाव को धयान में रखकर इसकी रचना की गई है। गुजरात सरकार को टीम अमित शाह कहना गलत नहीं होगा चूंकि भाजपा ने सरकार व संगठन में बदलाव कर चुनाव के लिए समीकरण सेट कर लिए हैं अब शाह इसी टीम के साथ 2017 के चुनाव में जाएंगे। शाह ने विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी पूरी तरह अपने हाथ में रखी है तथा अब तक के चयन में उन्होंने कर्मठ व उपयोगी नेताओं को प्राथमिकता देकर पाटीदार व दलित आंदोलन के बीच एक सशक्त टीम तैयार की है। कांग्रेस ने भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है, कांग्रेस अध्यक्ष के राजकीय सचिव अहमद पटेल ने कांग्रेस भवन में नेताओं से मुलाकात कर चुनावी चर्चा की जिससे अब लग रहा है कि 2017 के विस चुनाव को लेकर दोनों ही दल सुसज्जित हो रहे हैं।