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बिटकॉइन ठगी मामले में जिग्नेश मोरडिया सहित तीन गिरफ्तार

बिटकॉइन ठगी मामले में पुलिस ने जिग्नेश के पास से ढाई करोड़ का सोना व बिटकॉइन जप्त किए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 12:38 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 05:59 PM (IST)
बिटकॉइन ठगी मामले में जिग्नेश मोरडिया सहित तीन गिरफ्तार
बिटकॉइन ठगी मामले में जिग्नेश मोरडिया सहित तीन गिरफ्तार

अहमदाबाद, जेएनएन। बिटकॉइन ठगी मामले सीआईडी क्राइम ने जिग्नेश मोरडिया सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जिग्नेश के पास से ढाई करोड़ का सोना व बिटकॉइन जप्त किए हैं। वहीं, एक दलाल के पास से 25 लाख रुपये की नकदी जब्त की है।

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बिटकॉइन मामले की जांच कर रही सीआईडी क्राइम ने आरोपित जिग्नेश मारडिया को विदेश से लौटते ही पकड लिया, उसके पास से ढाई करोड़ का सोना व कई बिटकॉइन बरामद किए हैं। उधर, जांच टीम ने उसके साथियों की गिरफ्तारी व छापेमारी की। एक दलाल के पास 25 लाख रुपये की नकदी बरामद की है। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि एक आरोपित ने पुलिस हिरासत में ही अपने डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड बदलकर बिटकॉइन की हेराफेरी की है। मुख्य आरोपित शैलेष भट्ट व पूर्व विधायक नलिन कोटडिया इस मामले में मुख्य आरोपी बताए जा रहे हैं, जो अभी तक पकड़ से बाहर हैं। इनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है।

प्रकरण के मुख्य साजिशकर्ता शैलेष भट्ट ने स्वामीनारायण संप्रदाय के साधुओं के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की जमीनें खरीदी है। इसकी जांच सीआईडी क्राइम को सौंपने के साथ पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने इसके चार आरोपियों को गांधीनगर लाने के निर्देश दिए हैं। उधर, शैलेष व पूर्व विधायक नलिन कोटडिया की धरपकड़ के लिए लुक आउट नोटिस पहले ही जारी हो चुका है। वे फिलहाल पकड़ से बाहर हैं।

बिटकॉइन के मुख्य साजिशकर्ता शैलेष भट्ट ने गिरफ्तारी पर रोक के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। एक हजार करोड़ से भी अधिक के बिटकोइन ठगी प्रकरण में सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट व पूर्व विधायक नलिन कोटडिया काफी अहम कड़ी हैं। ये दोनों फिलहाल भूमिगत हो गए हैं, उन्हें पकड़ने के लिए सीआईडी क्राइम एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। शैलेष ने सलाया स्वामीनारायण मंदिर के साधु पीके स्वामी के साथ मिलकर वडोदरा के पास करजण में करोड़ों की जमीनें खरीदी है। पुलिस को शंका है कि जमीन मामले में और कई साधु भी लिप्त हैं, जिसकी जांच चल रही है।

गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान में राज्य में बिटकॉइन में एक हजार करोड़ से अधिक का कालाधन निवेश किया गया। गैरकानूनी इस काले धंधे का मुख्य केंद्र सूरत व अमरेली थे। पुलिस ने बिटकॉइन ठगी मामले के शिकायतकर्ता शैलेष भट्ट को मुख्य अभियुक्त बताया है। सतीष कुंभाणी ने शैलेष के भतीजे निकुंज भट्ट व अन्यों के साथ मिलकर बिटकॉइन की तरह ही बिट कनेक्ट नामक डिजिटल करेंसी लांच की थी, जिसमें शैलेष ने खुद 2 करोड़ का निवेश किया था। लोगों को कालेधन को सफेद करने व मोटी कमाई का लालच देकर शैलेष व सतीश ने सैकड़ों करोड़ रुपयों की ठगी की थी। सीआईडी क्राइम बिटकॉइन व बिटकनेक्ट के निवेशकों से सामने आने की अपील कर रही है, ताकि ठगी मामले की तह तक पहुंचा जा सके। भाटिया ने बताया कि शैलेष ने बाद में विदेश से लौटे पीयूष सावलिया नामक व्यक्ति का अपहरण कर131 करोड़ के 2256 बिटकॉइन अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए थे।

पूर्व विधायक नलिन कोटडिया इस मामले में वांटेड हैं तथा पुलिस ने उनकी धरपकड़ के लिए एसआईटी का गठन किया है। कोटडिया ने भूमिगत होने से पहले शैलेष को ही इस प्रकरण का मुख्य साजिशकर्ता बताया था तथा करोड़ों के ठगी प्रकरण को 12 सौ से 14 सौ करोड़ तक का बताया था। कोटडिया का यह दावा तो ठीक साबित हो रहा है, लेकिन इस समूचे प्रकरण में उसकी भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। पुलिस इस मामले में अब तक अमरेली के पुलिस अधीक्षक, पुलिस निरीक्षक सहित बड़ी संख्या में गिरफ्तारी कर चुकी है। निकुंज भट्ट व दिलीप नामक युवक की हाल ही धरपकड़ कर ली, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता शैलेष भट्ट व पूर्व विधायक नलिन कोटडिया अभी गिरफ्त से बाहर हैं।


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