Lockdown: गुजरात में प्रवासी श्रमिकों को नकली टोकन देकर तीन लाख ठगे, तीन गिरफ्तार
Lockdown. पुलिस ने प्रवासी श्रमिकों को 300 नकली टोकन देकर उनसे तीन लाख रुपये ऐंठने वाले तीन जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है।
अहमदाबाद, जेएनएन। Lockdown. गुजरात पुलिस ने प्रवासी श्रमिकों को 300 नकली टोकन देकर उनसे तीन लाख रुपये ऐंठने वाले तीन जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कोरोना वायरस के कारण गुजरात में लॉकडाउन होने से कल-कारखाने, रोजगार-धंधा बंद हो गया है। ऐसे में प्रवासी मजदूर पैदल, मोटरसाइकिल और श्रमिक ट्रेन द्वारा अपने-अपने प्रदेश को जा रहे हैं। गुजरात सरकार ने रेल मंत्रालय से बातचीत कर उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों के लिए विशेष श्रमिक ट्रेन की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। इसके द्वारा हजारों श्रमिक अपने गांव जा रहे हैं।
इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए प्रशासन विविध स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग ले रहा है। उत्तर भारतीय विकास परिषद नामक संस्था को भी यह काम सौंपा गया है। यह संस्था भी श्रमिकों की सूची के अनुसार टोकन देने का काम सौंपा गया है। इस संस्था सरकार द्वारा निश्चित किराया लेकर उन्हें टोकन देती है। यह संस्था अलग-अलग दिनों एसटीबस द्वारा श्रमिकों को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाती है।
इस दौरान इन तीनों आरोपितों ने प्रवासी श्रमिकों को विश्वास में लेकर उत्तर भारतीय विकास परिषद द्वारा तैयार टोकन की तरह ही नकली टोकन बनाकर 300 श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये लेकर दे दिया। इस प्रकार इन तीनों ने उनसे तीन लाख रुपये वसूल लिए।
रामोल पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज होने पर वरिष्ठ थाना प्रभारी एसके दवे के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तफ्तीश कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों में निकोल, मराठी की चाली निवासी संजय श्रीकांत मिश्रा, नरोडा रोड, गणेश विहार अपार्टमेंट निवासी आदित्य सुरेश तथा ओढव के राम राज्य नगर निवासी अशोक सिंह रामसिंह राजपूत शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 25 हजार रुपये नगद तथा चार मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। ये तीनों अन्य कितने मामलों में शामिल है तथा कितनों को नकली टोकन दे चुके हैं, इसकी तफ्तीश जारी है। इनसे पूछताछ के दौरान पुलिस और भी कई खुलासे कर सकती है।