Move to Jagran APP

गुजरात राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस

Supreme Court. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 12:14 PM (IST)
गुजरात राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस
गुजरात राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गुजरात राज्यसभा की खाली हुई दो सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की गुजरात कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग को सोमवार तक जवाब दाखिल करना है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 25 जून को सुनवाई करेगा। अमित शाह और स्मृति ईरानी की सीट ख़ाली हुई है।

loksabha election banner

 

गौरतलब है कि गुजरात कांग्रेस के नेता परेशभाई धणानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दो सीटों के लिए जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी थी। उनके द्वारा अमित शाह और स्मृति इरानी द्वारा खाली की गई सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है।

चुनाव आयोग से 15 जून को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, गुजरात से राज्यसभा में खाली हुई दो सीटों पर पांच जुलाई को चुनाव होंगे। जस्टिस दीपक गुप्ता व जस्टिस सूर्यकांत की अवकाश कालीन पीठ के सामने वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। कांग्रेस विधायक व गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेशभाई धणानी ने शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग को दोनों उपचुनाव एक साथ कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

असल में गुजरात विधानसभा में भाजपा के100 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 75, वहीं सात सीटें इस समय खाली है। अगर दोनों सीटों को भरने के लिए एक साथ चुनाव हुए और विधायकों ने सिर्फ एक बार में वोट दिया तो कांग्रेस के पास एक सीट जीतने का मौका होगा। लेकिन अगर दोनों सीटों के लिए अलग-अलग वोटिंग हुई तो भाजपा दोनों सीटें जीत सकती है, क्योंकि विधानसभा में वह बहुमत में है। संख्या बल के हिसाब से गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 61 वोट चाहिए। एक ही बैलट पर चुनाव से एक ही वोट डाला जाएगा।

इस स्थिति में कांग्रेस एक सीट आसानी से निकाल लेगी क्योंकि उसके अकेले के पास 75 विधायक हैं। लेकिन चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, विधायक अलग-अलग वोट करेंगे। ऐसे में उन्हें दो बार वोट करने का मौका मिलेगा। इस तरह भाजपा के विधायक जिनकी संख्या 100 से ज्यादा है वे दो बार वोट कर दोनों उम्मीदवारों को जिता सकते हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.