गुजरात : कोरोना संकट में यौनकर्मियों की मदद कर रही सोनल रोचानी, दे रही मास्क बनाने की ट्रेनिंग
एनजीओ में इनको स्किल्स बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। ये लोग यहां मास्क बनाना सीख रही हैं ताकि अपना जिंदगी काट सकें।
अहमदाबाद, एएनआइ। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण यौनकर्मियों के लिए जीवन काटना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में गुजरात के एनजीओ का एक एनजीओ ऐसे मुश्किल समय में इनकी मदद को आगे आया है। एनजीओ में इनको स्किल्स बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। ये लोग यहां मास्क बनाना सीख रही हैं ताकि अपना जिंदगी काट सकें।
एनजीओ की फाउंडर सोनल रोचानी ने बताया, "कोरोना महामारी के बीच कई यौनकर्मी अपनी आजीविका को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं। हमने 50 महिलाओं को मास्क सिलने समेत प्रशिक्षण देना शुरू कर किया है।"
कोलकाता के रेड लाइट एरिया में बांटे गए हाइजिन किट
कोलकाता में स्थित रेड लाइट इलाके में कोरोना महामारी के बीच अभावग्रस्त ट्रांसजेंडर व सेक्स वर्कर्स को एक लाख से ज्यादा हाइजिन एवं पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स बांटे गए। इस बारे में आरएसएच ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन सुनील अग्रवाल ने बताया कि सेक्स वर्कर्स व उपेक्षित ट्रांसजेंडर्स, हमारे समाज के हाशिए के समूह हैं। जहां कोरोना महामारी के कारण शटडाउन के परिणामस्वरूप सेक्स वर्कर्स का धंधा खत्म हो गया है, उपेक्षित ट्रांसजेंडर्स भी आर्थिक रूप से गंभीर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य एवं आर्थिक दृष्टि से उनके लिए भारी संकट पैदा कर दिया है। इसके मद्देनजर यह सहायता की गई है।
गौरतलब है कि कोरोना संकट में स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है। कई लोगों के रोजगार चले गए हैं तो वहीं कई लोग शहरों को छोड़ अपने घरों का रुख करने लगे हैं। कोरोना का असर रेड लाइट एरिया में भी खूब देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन के कारण वैशालयों के मालिकों ने जिस्मफरोशी का कारोबार बंद कर दिया है। ऐसे में यौनकर्मियों के सामने बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ यौनकर्मी अपने घरों को वापस लौट गए हैं तो कुछ वैशालयों में कैद हैं जबकि इनमें कई ऐसे भी हैं जो अपना जीवन बसर करने के लिए मास्क और बैग सिलने जैसी ट्रैनिंग ले रहें, ताकि वो कुछ पैसा कमा सकें।