गुजरात कांग्रेस में युवा व वरिष्ठ नेताओं के बीच खींचतान
राज्य विधानसभा चुनाव में जीत के करीब पहुंचकर हार का सामना करने वाली प्रदेश कांग्रेस में आलाकमान ने बड़े बदलाव किए हैं।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात कांग्रेस के नए कप्तान की नियुक्ति के एक माह पूरा होने के बाद भी प्रदेश संगठन का पुनर्गठन खटाई में है। वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी इस राह में रोड़ा बनी है। हाल ही में महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन भी फीका रहा। प्रदेश अध्यक्ष अमित चावडा व नवनियुक्त पार्टी प्रभारी राजीव सातव वरिष्ठ नेताओं के अनुभव व युवाओं के जोश के साथ पार्टी को आगे ले जाना चाहते हैं। लेकिन अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस की ओर से महंगाई के विरोध में राज्यव्यापी प्रदर्शन और गत दिनों गांधीनगर में आयोजित पंचायत परिषद में एकजुटता में कमी नजर आई। कहीं पर भी वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी नजर नहीं आने से युवा व वरिष्ठ नेताओं के बीच खींचतान की खबरें भी सुर्खियां बनने लगी हैं। राज्य विधानसभा चुनाव में जीत के करीब पहुंचकर हार का सामना करने वाली प्रदेश कांग्रेस में आलाकमान ने बड़े बदलाव किए हैं। नेता विपक्ष के पद पर जहां पाटीदार नेता परेश धनानी को बिठाया, वहीं अध्यक्ष पद पर अमित चावडा की नियुक्ति कर सबको चौंका दिया। चावडा लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बनाए जाने के बाद महाराष्ट्र के राजीव सातव को गुजरात का प्रभार सौंपा गया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव प्रचार के बाद गुजरात कांग्रेस ने एक लय पकड़ ली थी। लेकिन संगठन व पदाधिकारियों में बदलाव से एक बार फिर पार्टी उसी स्थिति में खड़ी हो गई है। यह स्थिति प्रदेश के नेताओं के लिए चुनौती बन गई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता व सोशल मीडिया प्रभारी जयराज सिंह ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं को अन्य राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजीव सातव अगले सप्ताह गुजरात दौरे पर आएंगे, जिसमें संगठन व आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय होगी।