भाजपा को हराने की भूमिका निभाएंगेः शंकर सिंह वाघेला
Shankar Singh Vaghela Strategy against BJP. शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि वर्ष 2019 में वे भाजपा को हराने की भूमिका निभाएंगे।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात की राजनीति के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला ने एक बार फिर पलटी मारते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने की कवायद शुरू कर दी दिया है। जुलाई 2017 में ही वाघेला कांग्रेस छोड़ भाजपा के समर्थन में आए थे। गत माह उनके पुत्र महेंद्र सिंह ने भी भाजपा से त्यागपत्र दे दिया था।
राज्यसभा चुनाव के दौरान अपने समधी बलवंत सिंह राजपूत व एक दर्जन अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा के समर्थन में आए वाघेला ने एक बार फिर राजनीतिक रूप से पलटी मारते हुए भाजपा के विरोध में उतर आए थे। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यदा-कदा वाघेला को राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा चलती है, लेकिन खुद वाघेला इससे साफ इनकार करते हैं। अपने निजी आवास वसंत वगडो पर नूतन वर्ष स्नेह मिलन में पत्रकारों से कहा कि वर्ष 2019 में वे भाजपा को हराने की भूमिका निभाएंगे। वाघेला का प्रयास है कि इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ विरोधी दलों की ओर से एक ही प्रत्याशी मैदान में उतारा जाए। वाघेला खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसको लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया, लेकिन अब उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया यह खुलेआम जता दिया है।
गुजरात में बापू के नाम से प्रसिद्ध पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला की राजनीतिक शिक्षा-दीक्षा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व सीएम केशुभाई पटेल व पूर्व मंत्री दिवंगत काशीराम राणा के साथ हुई थी। वाघेला को मध्य प्रदेश की राज्यपाल व गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल का गुरु माना जाता है। वाघेला इन सभी नेताओं के वरिष्ठ थे, लेकिन गुजरात की सत्ता का सिरमौर बनने के लिए वर्ष 1996 में वे भाजपा से अलग हो कांग्रेस की मदद से खुद सीएम बन गए थे। वाघेला एक साल मुख्यमंत्री रह पाए थे।
हार्दिक पटेल की मदद को तैयार
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का आरोप है कि भाजपा सरकार उनको अहमदाबाद व गांधीनगर में किराए का घर लेने में बाधाएं खड़ी कर रही है। हाल ही में हार्दिक ने किराए पर लिए ग्रीनवुड रिसोर्ट में उपवास किया था, अब वे नया घर तलाश रहे हैं, लेकिन नहीं मिलने के पीछे वे सरकार का हाथ बता रहे हैं। वरिष्ठ नेता वाघेला ने कहा है कि हार्दिक को घर दिलाने में वे मदद करने को तैयार हैं। गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हार्दिक गुपचुप तरीके से वाघेला से राजनीतिक मार्गदर्शन लिया करते थे।