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Gujarat: टिड्डी दल पर काबू पाने को आजमाएं कई नुस्खे, कहीं थाली बजा रहे तो कहीं चलाई बंदूक

केंद्र व राज्‍य सरकार की 50 टीमें टिड्डी नियंत्रण में जुटी हैं। टिड्डी दल रात को खेतों में नजर आए तो क्‍लोरपायरी फॉस ईसी नामक दवा को पानी में मिलाकर खेतों में छिडकाव कर दें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 04:03 PM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 04:03 PM (IST)
Gujarat: टिड्डी दल पर काबू पाने को आजमाएं कई नुस्खे, कहीं थाली बजा रहे तो कहीं चलाई बंदूक
Gujarat: टिड्डी दल पर काबू पाने को आजमाएं कई नुस्खे, कहीं थाली बजा रहे तो कहीं चलाई बंदूक

अहमदाबाद, शत्रुघ्‍न शर्मा। गुजरात में भाजपा व कांग्रेस के राजनेता आजकल किसानों के दुख में भागीदार होने के लिए कभी फसल बीमा पर चिंतित दिखाई दे रहे हैं तो कभी उत्‍तर गुजरात के खेतों में थाली बजाकर टिड्डीयों को भगाते नजर आ रहे हैं। वहीं केंद्र व राज्‍य सरकार की 50 टीमें टिड्डी नियंत्रण में जुटी हैं।

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गुजरात में पिछले कुछ दिनों से पाकिस्‍तान की ओर से आ रहे टिड्डी दल बनासकांठा, पाटण व मेहसाणा के एक सौ से अधिक गांवोंमें फसल को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान देशी उपायों से कहीं थाली बजाकर, ढोल बजाकर तो कहीं डीजे बजाकर टिड्डीयों को भगाते नजर आए तो कहीं किसानों ने आग, धुओं व बंदूक के धमाकों का भी सहारा लिया। किसानों की फसल चौपट होते देख भाजपा व कांग्रेस नेता भी गांवों की ओर किसानों को ढाढस बंधाने पहुंचे।

भाजपा सांसद परबत भाई पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष जीतूभाई वाघाणी व कांग्रेस विधायक गुलाब सिंह थराद के गांवों में पहुंचें तो किसानों की सहायता व फसल बीमा की राशि को लेकर जमकर तू तू मैं मैं हुई। इसके बाद भाजपा अध्‍यक्ष किसानों के साथ खेतों में पहुंचे जहां उन्‍होंने थाली बजाकर टिड्डीयों को भगाया। वाघाणी के इस कदम को लेकर जहां राजनीतिक गलियारों में खूब चटखारे लेकर बातें की गई वहीं सोशल मीडिया में उनकी जमकर खिंचाई भी हुई।

सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल इटालिया ने किसानों को समय पर सहायता नहीं करने पर सरकार से नाराज होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखकर मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी को तीडमार खां अवार्ड से सम्‍मानित करने की मांग भी कर डाली है।

टिड्डी को गुजरात में तीड कहा जाता है इसलिए इटालिया ने रुपाणी के लिए तीडमार खां पुरस्‍कार देने की मांग की है, इटालिया पत्र में लिखते हैं कि रूपाणी छोटी मोटी चाय,पान की दुकान, शौचालय, गांव के चबुतरे के उद्घाटन जैसे अतिव्‍यस्‍त कार्यक्रम में से समय निकालकर टिड्डी को नियंत्रण करने के लिए गए हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से दो माह पहले ही राज्‍य को चेतावनी दी गई थी लेकिन समय रहते राज्‍य सरकार ने कोई बचाव कार्य नहीं किया जिससे सैकड़ों किसानों की खडी फसल को टिड्डी दल चट कर गया।

कृषि मंत्री आर सी फलदू ने कहा है कि फसल बीमा की रकम का वितरण शुरु कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष दोशी ने गुजरात सरकार पर किसानों की समस्या को लेकर उदासीन होने का आरोप लगाया है। दोशी ने कहा केंद्र की ओर से सूचित करने के बावजूद समय रहते बचाव कार्य नहीं किए गए वहीं साधनों का भी उपयोग नही किया गया। दोशी ने कहा कि टिड्डी दल किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं, सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी है। पहले सूखा फिर भारी बरसात व बाढ, फिर बेमौसम बरसात ने किसानों की माली हालत पहले ही खराब कर दी हैं ऐसे में बैंक गारंटी देने की उनके पास कोई व्यवस्था नहीं हैं।

कृषि विभाग के अतिरिक्‍त मुख्‍य सचिव पूनमचंद परमार ने बताया कि केंद्र व गुजरात सरकार की 50 से अधिक टीमें बनासकांठा व पाटण जिले के गांवों में टिड्डी नियंत्रण, दवा छिडकाव व टिड्डी दलों से किसानों को होने वाले नुकसान को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया अब तक 16 हजार लीटर दवा का छिडकाव किया जा चुका है। परमार ने बताया कि सुबह 6 से 11 बजे तक हल्‍की धूप में टिड्डी दल नीचे होते हैं जिन पर काबू पाया जा सकता है उसके बाद धूप बढने के साथ ही वे ऊंचाई की ओर चले जाते हैं, शाम को उन पर दवा का असर नहीं हो पाता है।

बनासकांठा जिला कलेक्‍टर संदीप सांगले ने टिड्डी दलों से प्रभावित गांवों में जाकर किसानों से नुकसान का जायजा लिया साथ ही बताया कि दवा के छिडकाव से टिड्डी का नाश किया जा रहा है, टिड्डीयों को भगाने के लिए खेतों में धुआं करना चाहिए, थाली या ढोल बजाकर जोर जोर से आवाज करें, पानी का प्‍फव्‍वारा चलाएं, पटाखे चलाकर भी उनको नियंत्रित किया जा सकता है। टिड्डी दल रात को खेतों में नजर आए तो क्‍लोरपायरी फॉस, ईसी नामक दवा को पानी में मिलाकर खेतों में छिडकाव कर दें।


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