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देश में बनेंगे सात नए एक्सप्रेस वे, बिछेगा सड़कों का जाल

छोटे शहरों के लोगों की जरूरत के मुताबिक विकास कार्य करने होंगे ताकि वे अपनी सेवा व उत्पाद का लाभ देश को दे सकें।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 11:38 AM (IST)
देश में बनेंगे सात नए एक्सप्रेस वे, बिछेगा सड़कों का जाल
देश में बनेंगे सात नए एक्सप्रेस वे, बिछेगा सड़कों का जाल

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। केंद्र सरकार देश बदल रहा है के स्लोगन को चरितार्थ कर लोगों को इसका अहसास कराने के लिए सवा पांच लाख करोड़ से 25 हजार किमी सड़कों का जाल बिछाने जा रही है। देश की परिवहन व्यवस्था व व्यापार को गति देने के लिए सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। राज्यों की आवश्यकता व जरूरत को समझने के लिए वित्त विभाग विभिन्न शहरों में संवाद कर रहा है। जून में मुंबई में 84 देशों के सम्मेलन में भारत एशियन बैंक से बड़ा अनुदान ले सकेगा। स्थानीय निकाय भी इस बैंक को अपनी कार्ययोजना सौंपकर कर्ज ले सकेंगे।

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वित्त मंत्रालय सरकार के अन्य मंत्रालयों तथा विकासशील देशों की शोध एवं सूचना प्रणाली संस्था आरआइएस के साथ मिलकर देश के विकास की नब्ज टटोल रहा है। अहमदाबाद में शहरी विकास तकनीकी समाधान और प्रशासनिक चुनौती पर दो दिवसीय परिसंवाद किया गया, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री वाईके अलघ ने कहा कि देश के बडे़ शहरों के साथ गांव व सेमी अरबन इलाकों में भी बुनियादी ढांचा पर ध्यान देना होगा ताकि लोग स्वरोजगार के जरिये अच्छी आमदनी कर सकें। उनका मानना है कि बड़ी परियोजनाओं के लिए व‌र्ल्ड बैंक आदि से मंजूरी लेनी पड़ती है जिससे देरी होती है। छोटे शहरों के लोगों की जरूरत के मुताबिक विकास कार्य करने होंगे ताकि वे अपनी सेवा व उत्पाद का लाभ देश को दे सकें।

आरआइएस के सहयोगी अमिताभ कुंडू ने बताया कि गांवों में तेजी से विकास हो रहा है। वहां जरूरत के मुताबिक बुनियादी ढांचा मुहैया कराई जाए तो 2022 के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। कुंडू स्वच्छ अभियान रूरल के प्रतिनिधी भी हैं। उन्होंने बताया कि देश में इसका 84 फीसद काम हो चुका है। कई जिले ओडीएफ याने खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। शहरों में 64 फीसद जबकि गांवों में 81 फीसद शौचालयों का निर्माण हुआ है। उनकी संस्था आरआइएस सरकार को देश में जरूरत के मुताबिक विकास कार्य की जानकारी देने के साथ अन्य देशों में निवेश पर भी सलाह देती है। रेलवे बोर्ड की मेट्रोपोलिटन परियोजनाओं के कार्यकारी निदेशक राजेश अग्रवाल ने बताया कि सरकार व रेलवे के बीच आपसी तालमेल के चलते अब विकास योजनाओं को तत्काल हरी झंडी मिल रही है। संवादहीनता व अधिकारियों में समन्वय की कमी से पहले वर्षों तक योजनाएं लटकी रहती थी। बोर्ड रेलवे सुरक्षा व स्पीड के साथ रेलवे स्टेशनों को आधुनिक व सुविधाजनक बनाने पर जोर दे रहा है। स्टेशन पर यात्रियों के विश्राम गृह भी बेहतर सुविधाओं से लैस होंगे।

एक्सप्रेस वे से जुड़ेंगे एक दर्जन से ज्यादा शहर

सड़क परिवहन व हाइवे मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र शर्मा ने बताया कि भारत माला प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में पांच लाख 35 हजार करोड़ की लागत से देश में 25 हजार करोड़ किमी सड़कों का निर्माण होगा। एक दर्जन से अधिक शहरों को जोड़ते हुए सात एक्सप्रेस वे बनेंगे, ताकि यात्रा सुगम हो सके। सवा लाख करोड़ की लागत से 9000 किमी का आर्थिक गलियारा, 80 हजार करोड़ की लागत से 6000 किमी इंटर कोरीडोर व फीडर सड़कें बनेंगी। नेशनल कोरीडोर, बोर्डर, पोर्ट व अंतरराष्ट्रीय कनेक्टीविटी को भी इसमें शामिल किया है।

वर्ष 2022 तक सात नए एक्सप्रेस वे

मुंबई - वडोदरा 420 किमी

अहमदाबाद-धोलेरा 110 किमी

दिल्ली-मेरठ 96 किमी

कानुपर-लखनऊ 75 किमी

चेन्नई-बेंगलुरु 262 किमी

दिल्ली-अमृतसर-कटरा 600 किमी

दिल्ली-जयपुर 274 किमी


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