घर में अन्न की कमी देख तैश में आयी पत्नी उठाया ये खौंफनाक कदम
गुजरात के रायणवाडिया गांव में पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े में पत्नी ने तैश में आकर अपनी दो बच्चों को कुएं में फेंक दिया।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में लॉकडाउन के चलते कई दर्दनाक घटनाएं हो रही है। राज्य के पंचमहाल जिले की हालोल तहसील के रायणवाडिया गांव में बच्चों को खाने लिए कुछ न होने पर पति और पत्नी के बीच हुए झगड़े में पत्नी ने तैश में आकर अपनी दो बच्चों को कुएं में फेंक दिया। पुलिस ने मां को गिरफ्तार कर मामले की तफ्तीश शुरु कर दी है।
यहां रायणवाडिया गांव में प्रताप खीमजी राठवा राजगीरी कर अपने परिजनों का पालन पोषण कर रहा था। कोरोना वायरस में हुए लॉकडाउन के कारण राजगीरी बंद होने से वह बेरोजगार हो गया था। उसके घर में खाने पीने के लिए अनाज की कमी पड़ गयी थी। उसके पास न तो काम था और न ही घर चलाने के लिए रुपये। यह परिवार खेत मे सब्जी उगाकर बिक्री भी करता था। किन्तु लॉकडाउन के कारण सब्जी बाजार भी बंद था।
ऐसे हालात में घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं होने पर प्रताप खीमजी राठवा का पत्नी चंपाबेन के साथ बच्चों को खिलाने की बात पर ही झगड़ा हो गया। क्रोध में आग बबूला हुई पत्नी ने आव देखा न ताव, तीन और पांच साल के दोनों बालकों को ही कुएं में डाल दिया। घटना की जानकारी मिलते है गांव वाले एकत्र हो गये और पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद हालोल पुलिस का काफिला आ पहुंचा। पुलिस ने बताया कि कुएं में से बच्चों के शवों को बाहर निकाला गया है। बच्चों की हत्या के आरोप में उसकी मां को गिरफ्तार कर लिया है।
आर्थिक संकट से जूझ रहे व्यापारी ने लगायी फांसी
अहमदाबाद के निकोल क्षेत्र में सहानंद रेजीडेंसी में रहने वाले एम्ब्रोडेयरी कारखाने के मालिक मयूरभाई मुकेश भाई यादव (35) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पाते ही मौके पर पुलिस की जांच में पता चला कि देश में जारी लॉकडाउन के कारण पिछले दो महीने से कारखाना बंद था। मयूरभाई ने कर्ज भी लिया था। एम्ब्रोडेयरी का कारखाना बंद होने से सभी तरह की आवक बंद हो गई थी और आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। जिसके चलते उसने ये कदम उठाया।
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