Lockdown: गुजरात में आरएसएस के स्वयंसेवक घर-घर पहुंचा रहे दवाई
Lockdown. राजकोट में दवाई के बहाने घरों से निकलना रोकने के लिए आरएसएस के स्वयंसेवकों के जरिए घर तक दवा पहुंचाई जा रही है।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। Lockdown. कोरोना की महामारी को काबू में करने के लिए अहमदाबाद के कोट विस्तार में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। हॉट स्पॉट इलाकों में घर घर जांच व टेस्टिंग का काम शुरू किया गया है। राजकोट में दवाई के बहाने घरों से निकलना रोकने के लिए आरएसएस के स्वयंसेवकों के जरिए घर तक दवा पहुंचाई जा रही है।
अहमदाबाद महानगर पालिका आयुक्त विजय नेहरा ने बताया कि कोरोना की रोक्थाम के लिए हैरीटेज सिटी अहमदाबाद के ऐतिहासिक एलिसब्रिज पुल पर आवाजाही को पूरी तरह बंद कर दियागया है। तब्लीगी जमात के चलते अहमदाबाद के कोट विस्तार में एक साथ कई मामले सामने आने तथा सूरत में एक ही दिन में कोरोना संक्रमण से दो लोगों की मौत के बाद हॉट स्पॉट इलाकों में रिजर्व एक्शन फोर्स की गश्त बढ़ा दी है।
कालपुर, दाणीलीमणा, जमालपुर आदि इलाकों में पहले से राज्य आरक्षी बल व पुलिस के जवान तैनात थे। नेहरा ने बताया कि अहमदाबाद के कोट विस्तार में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है तथा घर-घर जांच व संदिग्धों की टेस्टिंग कराई जा रही है।
राजकोट में लोग दवाई के बहाने से बार बार घरों से बाहर निकल रहे थे, जिन्हें रोकने के लिए अब जिला प्रशासन ने एक नायाब तरीका निकाला है। प्रशासन ने जिन लोगों को दवाई की जरूरत होगी, उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं के जरिए घर तक दवा पहुंचाई जाऐगी। आरएसएस गुजरात के प्रवक्ता प्रदीप जैन बताते हैं कि लॉकडाउन के पहले दिन से स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, मेहसाणा, आणंद आदि शहरों में संघ कार्यकर्ताओं ने रोज कमाकर खाने वाले परिवारों का सर्वेकर करीब 75 हजार परिवारों तक राशन सामग्री पहुंचाई वहीं संघ से जुड़ी विविध संस्थाएं राज्यभर में तैयार खाना व फूड पैकेट का भी वितरण कर रहे हैं।
एनसीसी व एनएसएस की मदद लेगी सरकार
गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा है कि शहरों के साथ अब गांवों में भी लॉकडाउन को चुस्त अमल में लाने के लिए पुलिस मित्रों के साथ एनसीसी व एनएसएस की मदद ली जाएगी। शहरों में एनसीसी व एनएसएस कैडेट अहम भूमिका निभा सकते हैं। झा ने एक परिपत्र जारी कर पुलिस अधिकारियों से कहा है कि गांव में आने वालों पर नजर रखी जाए तथा इधर-उधर घूमने से भी लोगों को रोका जाए। शहरों में छतों पर बैठने वालों को रोकने के बाद अब गांव में चौपालें लगाने वालों के साथ भी पुलिस सख्ती से पेश आएगी।