गुजरात सरकार ने शराबबंदी कानून में दी ढील, 20 लीटर से कम शराब के साथ पकड़े जाने पर नहीं होगी गिरफ्तारी
Prohibition Law in Gujarat. गुजरात प्रोहिबिशन अमेंडमेंट एक्ट 2017 का कानून अब सजा व जुर्माने के रूप में 20 लीटर से अधिक शराब पकड़े जाने पर लागू होगा।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने शराब तस्करी के लिए सात से 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया था, जिसे अब घटाकर तीन साल कर दिया है। दस से बीस लीटर शराब की हेराफेरी के मामले में वाहन जब्ती व गिरफ्तारी से भी मुक्ति दे दी गई है।
गुजरात का नशाबंदी कानून हमेशा से विवादों में रहा है। सरकार व पुलिस पर शराब तस्करी को रोकने में नाकामी के आरोप लगते रहे, जिसके बाद सरकार ने राज्य में शराब की तस्करी के लिए सात से 10 साल की सजा का प्रावधान करने के साथ शराब हेराफेरी में उपयोग में लिए जाने वाले वाहन को जब्त करने प्रावधान किया था।
गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने विधानसभा इस कानून की भरपूर प्रशंसा करते भी नहीं थक रहे थे। एक दिन बाद ही सरकार ने एक परिपत्र जारी कर दस लीटर से कम शराब की तस्करी पर वाहन जब्ती से मुक्ति व 20 लीटर से कम शराब की हेराफेरी करने के मामले में गिरफ्तारी से मुक्त रखने का फैसला किया है।
गुजरात प्रोहिबिशन अमेंडमेंट एक्ट 2017 का कानून अब सजा व जुर्माने के रूप में 20 लीटर से अधिक शराब पकड़े जाने पर लागू होगा। इस कानून के तहत पहली बार शराब की हेराफेरी में पकड़े जाने पर दो साल की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना, दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन साल की सजा व दो लाख रुपये जुर्माना, लेकिन तीसरी बार पकड़े जाने पर सात से 10 साल की सजा व पांच लाख रुपये का जुर्माना था। सरकार का कहना है कि सख्त कानून की आंड़ में पुलिस अपराधियों से सांठगांठ कर भारी मात्रा में पैसा ऐंठ लेती है, इसलिए गिरफ्तारी व वाहन जब्ती के कानून को कम सख्त किया गया है।