पुरुषोत्तम रूपाला ने कच्छ के मांडवी समुद्री किनारे से सागर दर्शन यात्रा की शुरुआत की, मछुआरों को दिए जाएंगे क्रेडिट कार्ड
दो दिवसीय इस यात्रा के जरिए केंद्रीय मंत्री रुपाला मांडवी से ओखा तथा पोरबंदर तक पहुंचेंगे। यात्रा के जरिए आदिवासियों की जीवन शैली आदिवासी परिवारों की समस्याओं को जानने एवं उनके मछली पकड़ने के पारंपरिक तौर तरीकों में सुधार व उसका मशीनीकरण करने के साथ आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
अहमदाबाद, जेएनएन। केंद्रीय डेयरी, पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री परशोत्तम रुपाला ने गुजरात में कच्छ के मांडवी समुद्री किनारे से सागर दर्शन यात्रा की शुरुआत की। मछुआरों की जरूरत एवं उनकी समस्याओं को समझने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया गया है।
दो दिवसीय इस यात्रा के जरिए केंद्रीय मंत्री रुपाला मांडवी से ओखा तथा पोरबंदर तक पहुंचेंगे। यात्रा के जरिए आदिवासियों की जीवन शैली, आदिवासी परिवारों की समस्याओं को जानने एवं उनके मछली पकड़ने के पारंपरिक तौर तरीकों में सुधार व उसका मशीनीकरण करने के साथ उन्हें आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। रूपाला ने अपनी यात्रा से पहले ही इसकी घोषणा की है कि मछुआरों को भी किसानों की तरह क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे। गुजरात में इसी वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए रुपाला की इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है।
केंद्रीय मत्स्यध्योग मंत्री रुपाला ने बताया कि देश के आठ राज्य व 5 केंद्र शासित प्रदेश समुद्री सीमा से लगते हैं, भारत के करीब 8118 किमी लंबे समुद्री किनारे पर एक संस्कृति, व्यापार व लोकजीवन पलता है। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर तटीय क्षैत्रों पर बसे समुदाय व मछुआरों की जीवन संस्कृति को समझकर उनकी आजीविका, व्यापार, निर्यात व सुरक्षा को बढ़ाने का प्रयास करेगी। शनिवार को कच्छ के मांडवी से सागर परिक्रमा शुरु हुई तथा ओखा होते हुए रविवार शाम तक पोरबंदर पहुंचेगी।
स्वतंत्रता सैनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा की जन्मस्थली से शुरु होकर यह परिक्रमा महात्मा गांधी के जन्मस्थल पोरबंदर पहुंचेगी इसलिए इस अभियान को क्रांति से शांति मार्ग का नाम दिया गया है। गुजरात के बाद अगले चरण में महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार तथा लक्षदीप को भी इस परिक्रमा में जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री रुपाला बताते हैं कि देश से मछली का निर्यात बीते साल 6 लाख 19720 मैट्रीक टन हुआ जिससे 8773 करोड रु से अधिक की आवक हुई थी, इसमें अकेले गुजरात से 2 लाख 28072 मैट्रीक टन का निर्यात हुआ। राज्य से जापान, यूएसए, यूरोपियन युनियन, चीन, दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में मछली व सी फूड का निर्यात होता है। गुजरात के 41 तहसील व 260 गांव तटीय क्षैत्र में हैं।