गुजरात में कांग्रेस को झटका देने के चक्कर में खुद मुंह की खा गए अल्पेश ठाकोर
Alpesh Thakor. अल्पेश अविश्वास प्रस्ताव के जरिए भाजपा को सत्ता दिलाकर अपनी राजनीतिक पकड़ दिखाना चाहते थे लेकिन उनकी बाजी उलटी पड़ गई।
अहमदाबाद, जेएनएन। भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक व ठाकोर नेता अल्पेश ठाकोर को अपने ही होम ग्राउंड पर जोरदार राजनीतिक झटका लगा है। राधनपुर तहसील पंचायत में कांग्रेस के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से सत्ता पलटने की गणित उलटी पड़ गई। भाजपा पार्षदों ने भी अल्पेश का साथ नहीं दिया, अल्पेश सरकार में मंत्री बनना चाहते हैं लेकिन ऐसे हालात में उपचुनाव में जीत टेढ़ी खीर नजर आने लगी है।
ओबीसी एकता मंच के साथ गुजरात की राजनीति में छाने वाले अल्पेश ठाकोर को भाजपा में शामिल होने के बाद जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत दिखाने का पहला मौका मिला, उनकी अपनी ही राधनपुर तहसील में लेकिन उनका दांव उलटा पड़ गया। 18 सदस्यीय राधनपुर तहसील पंचायत पर कांग्रेस का कब्जा है। अल्पेश यहां के चेयरमैन लवजी ठाकोर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के जरिए भाजपा को सत्ता दिलाकर अपनी राजनीतिक पकड़ दिखाना चाहते थे, लेकिन उनकी बाजी उलटी पड़ गई। अविश्वास प्रस्ताव के लिए हुए मतदान में कांग्रेस के सभी 20 सदस्य पहुंच गए, लेकिन भाजपा के आठ सदस्य मतदान के लिए पहुंचे ही नहीं।
अल्पेश राधनपुर से ही कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे, लेकिन तहसील पंचायत में एक भी सदस्य उनके पक्ष में नहीं होने की पुष्टि तहसील पंचायत में हो गई। आगामी विधानसभा उपचुनाव में उनको कितनी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, इसका अंदाजा अभी से हो गया है। अल्पेश अपने साथी पूर्व विधायक धवल सिंह झाला के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं। आगामी उपचुनाव में उनका भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना भी तय माना जा रहा है, लेकिन राधनपुर की यह घटना अल्पेश की ढ़ीली होती राजनीतिक पकड़ की ओर इशारा करती है।
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