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राम मंदिर के लिए तोगड़िया ने शुरू किया अनशन, मोदी सरकार के सामने रखी दस मांगें

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रवीण तोगड़िया अहमदाबाद के पालडी इलाके में विहिप के मुख्यालय डॉ वणकर भवन के बाहर अनशन पर बैठे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 17 Apr 2018 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 17 Apr 2018 06:31 PM (IST)
राम मंदिर के लिए तोगड़िया ने शुरू किया अनशन, मोदी सरकार के सामने रखी दस मांगें
राम मंदिर के लिए तोगड़िया ने शुरू किया अनशन, मोदी सरकार के सामने रखी दस मांगें

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं है और ना ही उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी चाहिए। भाजपा, आरएसएस व विहिप वर्षों से जिन मुद्दों को उठाती रही तथा जो वादे करके सत्ता में आई, उन्हें पूरा किया जाना चाहिए। तोगड़िया ने कहा कि इन्हीं मुद्दों को उठाने पर उन्हें विहिप से निकाल दिया गया है।

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अहमदाबाद के पालडी इलाके में विहिप के मुख्यालय डॉ वणकर भवन के बाहर तोगड़िया अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अनशन पर बैठे हैं। प्रवीण तोगड़िया ने भावुक अंदाज में कहा कि नौ साल की उम्र में हिंदू समाज के हितों के लिए उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। अहमदाबाद में सर्जन के अच्छे काम व परिवार को छोड़कर वे देश-विदेश में सतत सौ करोड़ हिंदुओं के हितों के लिए लड़ते रहे।

तोगड़िया ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि पीएम बनने के बाद हिंदुओं से किए गए वादे भूल गए हैं। कांग्रेस सरकार के खिलाफ जब डॉ तोगड़िया हिंदू हित की आवाज बुलंद करते थे, तब भाजपा को अच्छा लगता था लेकिन अब वहीं तोगड़िया उन्हें आंख में चुभ रहा है। तोगड़िया ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा नेता कहते थे कि उनके सत्ता में आते ही हिंदुओं की मांग वे चुटकियों में हल कर देंगे। आज देश का हिंदू उन्हीं चुटकियों की आवाज सुनने को तरस रहा है।

तोगड़िया ने कहा कि उन्हें जो मांग करने पर विहिप से बाहर कर दिया गया वे उनकी निजी मांग नहीं है, भाजपा, आरएसएस व विहिप वर्षों से ये मांग करते आ रहे हैं, आज जब भाजपा खुद सत्ता में आ गई तो कांग्रेस के नक्शेकदम कपर चल रही है। सोशल मीडिया में डॉ तोगड़िया पर प्रधानमंत्री से निजी दुश्मनी की चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि उनके व पीएम के बीच कोई पीएम की कुर्सी का झगड़ा नहीं है। वे चाहते तो 2001 में ही गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए होते। तोगड़िया ने गोधरा कांड, गुजरात दंगों, नोटबंदी , जीएसटी आदि मुद्दों पर कहा कि जो वर्ग भाजपा को मदद करता था, इनके सत्ता में आने के बाद सबसे अधिक वहीं परेशान है। उन्होंने मोदी सरकार को यूटर्न वाली सरकार बताते हुए कहा कि कांग्रेस की चलाई योजनाओं मनरेगा, आधार कार्ड, जीएसटी, एफडीआई, अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती करने आदि ऐसे मुद्दे हैं जिस पर भाजपा सरकार ने यू टर्न किया है।

उपवास में शामिल हुए संत-महात्माओं ने भी केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया। हिम्मतनगर अटल अखाड़ा के गौरांग शरण स्वामी ने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री नहीं परिधानमंत्री हैं, जो दिन में चार बार कपड़े बदलते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर मुस्लिम समाज के पोषण का आरोप लगाया। वहींं, भाजपा पर हिंदुओं के शोषण का आरोप लगा दिया। उनका कहना है कि राष्ट्रवादी डॉ तोगड़िया को बाहर करने के साथ ही इस सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है।

सोला भागवत के ऋिष भागवत ने कहा कि आजाद भारत में हिंदुओं को अपनी बात कहने का हक नहीं है तो जीने की आजादी कितने दिन सुरक्षित रहेगी। कई संतों ने गोरक्षकों को गुंडा बताने वाले पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति जताई। वहीं, केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संसद में कानून बनाए तीन तलाक मुस्लिम समाज की समस्या है सरकार को राममंदिर बनाने के लिए संसद में कानून बनाना चाहिए।

ये हैं तोगड़िया की प्रमुख मांगें

1. राममंदिर के लिए संसद में कानून

2. गोहत्या पर देशभर में लगे रोक

3. देश में समान नागरिक कानून लागू हो

4. कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास किया जाए

5. बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिमों को बाहर निकाला जाए 

6. किसानों को उपज को डेढ़ गुना मिले

7. युवाओं के लिए अलग कोष तैयार किया जाए 

8. मजदूरों को पूरी पगार व पेंशन सुविधा दी जाए 

9. शिक्षा व स्वास्थ्य सस्ती व गुणवत्तावाली बने

10. मंदिर व मठों में सरकारी हस्तक्षेप बंद हो।


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