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गुजरात में आरक्षण के लिए फिर आंदोलन करे सकते हैं पाटीदार

politics on Patidar reservation. गुजरात के पाटीदारों ने एक बार फिर आंदोलन को धार देने की तैयारी कर ली है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 07:26 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 07:26 PM (IST)
गुजरात में आरक्षण के लिए फिर आंदोलन करे सकते हैं पाटीदार
गुजरात में आरक्षण के लिए फिर आंदोलन करे सकते हैं पाटीदार

अहमदाबाद, जेएनएन। मराठाओं को आरक्षण के एलान के बाद गुजरात के पाटीदारों ने एक बार फिर आंदोलन को धार देने की तैयारी कर ली है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने इस मुद्दे को लेकर नेता विपक्ष परेश धनाणी से मुलाकात कर विधानसभा में निजी विधेयक लाने की मांग की। धनाणी ने सरकार को एक आयोग का गठन कर 60 दिन में सर्वे करके आरक्षण से वंचित वर्ग को इसका लाभ देने की बात कही है।

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पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के बैनर तले हार्दिक पटेल बीते तीन साल से आरक्षण आंदोलन चला रहे हैं।विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने आर्थिक पिछड़ा आयोग के गठन के साथ आरक्षण से वंचित वर्गों को विविध सुविधाएं देने की घोषणा कर दी, लेकिन आरक्षण का पेंच ज्यों का त्यों फंसा हुआ है। मुख्यमंत्री रहते आनंदीबेन पटेल ने आर्थिक आधार पर 10 फीसद आरक्षण का एलान कर दिया था, लेकिन 50 फीसद से अधिक आरक्षण होने पर अदालत ने इसे खारिज कर दिया। महाराष्ट्र सरकार की ओर से मराठाओं को आरक्षण देने की घोषणा के बाद एक बार फिर गुजरात में आंदोलन चला रहे नेता सक्रिय हो गए हैं।

नेता विपक्ष परेश धनाणी ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की सरकार को सर्वेक्षण कराकर आरक्षण से वंचित वर्गों को इसका लाभ देने के लिए 60 दिन का अल्टीमेटम दिया है। उधर, हार्दिक ने कांग्रेस से विधानसभा में आरक्षण के लिए निजी विधेयक लाने की मांग रखी है, ऐसा नहीं करने पर हार्दिक ने कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।

गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पाटीदार व कांग्रेस इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। आंदोलन से जुडे एक अन्य पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया जेल में हैं। हार्दिक उसे छुड़ाने के लिए कई दिन तक अनशन भी कर चुके हैं। गुजरात सरकार ने आरक्षण से वंचित वर्गों के लिए आयोग, एक विशेष कोष तथा पाटीदार युवकों के खिलाफ लगे मुकदमें वापस ले चुके हैं, लेकिन हार्दिक व उसके साथियों के खिलाफ राजद्रोह के मुकदमें अभी चल रहे हैं। हार्दिक आरक्षण के साथ आपराधिक मुकदमों को वापस लेने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं।


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