अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात पुलिस की ओर से सूदखोरों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पीडितों के बयान सुनकर पुलिस अधिकारी भी सन्‍न रह गये। एक ऑटो चालक ने बताया कि ब्‍याज के 3 हजार रुपये के बदले सूदखोर ने उसका घर अपने नाम पर करा लिया, अब वह इसी घर में किरायेदार के रूप में रह रहा है। ब्‍याज की वसूली के लिए गत दिनों सूदखोरों ने अवैध तरीके से इस मकान की बिजली काट दी।

अहमदाबाद के अमराईवाडी इलाके में रहने वाले राजेश ठाकुर ने कोरोना महामारी के दौरान रणजीत राजपूत से 80 हजार रुपये का कर्ज लिया था। इसके बदले वह रोजाना 400 रुपये देने लगा तथा कभी चुका नहीं पाने पर अगले दिन 800 रुपये के जुर्माने के साथ 1200 रुपये भरता था। महामारी के दौरान पैसा नहीं चुका पाने के कारण वह अपने परिवार को लेकर मध्‍य प्रदेश चला गया।

सूदखोर ने मकान अपने नाम कराया

राजेश ठाकुर के मध्य प्रदेश जाने पर रणजीत ने उसकी मां को धमकी देकर उसके मकान को अपने नाम पर करा लिया। राजेश ठाकुर का आरोप है क‍ि उस पर 3 हजार रुपये का कर्ज रह गया था लेकिन जुर्माना आदि जोड़कर रणजीत उस पर ब्‍याज चुकाने का दबाव डालने लगा। कुछ माह पहले तो रणजीत व योगेश कोष्‍टी ने मिलकर उसका अपहरण कर लिया तथा एक पैर तोड़ दिया।

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राजेश ने सुनाई आपबीती

सूदखोर ने गत दिनों राजेश के घर का बिजली कनेक्शन अवैध तरीके से काट दिया। लोक दरबार में जोन 5 के पुलिस उपायुक्‍त बलदेव देसाई को राजेश ने अपनी व्‍यथा सुनाई तो वे सन्‍न रह गये। पुलिस उपनिरीक्षक ए बी गंधा ने बताया कि इनकी व्‍यथा सुन वे द्रवित हो गये, कानूनी लड़ाई लड़कर भी इस परिवार को अब वे न्‍याय दिलाएंगे। गुजरात के 14,619 पुलिसकर्मियों ने 27 दिन में 2,389 लोकदरबार कर 847 शिकायत दर्ज की और 1,039 की धरपकड़ की है।

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Edited By: Anurag Gupta