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PM Modi Roadshow In Ahmedabad: पीएम मोदी ने अहमदाबाद में किया रोड शो, जगह-जगह हुआ स्वागत; उमड़ी भीड़

Gujarat प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में शनिवार को रोड शो किया। रोड शो के दौरान मोदी का जगह-जगह स्वागत किया गया। मोदी के रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी। मोदी ने शुक्रवार को भी रोड शो किया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 12 Mar 2022 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 12 Mar 2022 07:07 PM (IST)
PM Modi Roadshow In Ahmedabad: पीएम मोदी ने अहमदाबाद में किया रोड शो, जगह-जगह हुआ स्वागत; उमड़ी भीड़
पीएम मोदी ने अहमदाबाद में किया रोड शो। फोटो इंटरनेट मीडिया

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में शनिवार को रोड शो किया। रोड शो के दौरान मोदी का जगह-जगह स्वागत किया गया। मोदी के रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी। मोदी ने शनिवार को गांधीनगर में भी रोड शो किया, जो राज्य में दो दिनों में इस तरह का उनका दूसरा कार्यक्त्रम है। रोड शो गांधीनगर जिले के देहगाम शहर और लवड गांव में राष्ट्रीय रक्षा विश्र्वविद्यालय (आरआरयू) के बीच आयोजित किया गया। मोदी ने सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में खड़े लोगों का अभिवादन किया। रोड शो से पहले मोदी यहां राजभवन से एक कार में निकले और देहगाम पहुंचने पर एक खुली जीप पर सवार हो गए। खुली जीप में उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी रहे। रोड शो के 12 किलोमीटर के रास्ते में प्रधानमंत्री का अभिवादन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्होंने उनका माल्यार्पण और फूलों की पंखुडि़यों से पीएम का स्वागत किया। अपने गृह राज्य में लगातार दूसरे दिन मोदी का यह दूसरा रोड शो है। शुक्रवार को उन्होंने अहमदाबाद एयरपोर्ट से गांधीनगर स्थित बीजेपी मुख्यालय कमलम तक रोड शो किया था। इन दोनों रोड शो को मोदी के दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान के रूप में देखा जा रहा है। मोदी का अपने गृह राज्य का दौरा उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की शानदार जीत के एक दिन बाद हुआ है।

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आजादी के बाद आंतरिक सुरक्षा तंत्र पर नहीं दिया गया ध्यान 

गांधीनगर, प्रेट्र : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आजादी के बाद आंतरिक सुरक्षा तंत्र में सुधार की जरूरत थी, लेकिन पर्याप्त ध्यान न दिए जाने से देश इस क्षेत्र में पिछड़ गया। गांधीनगर जिले के लावाड में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान आंतरिक सुरक्षा से आशय जनता में भय पैदा करना होता था, जिसे बदलने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भी पुलिस के बारे में यही धारणा है कि उनसे दूर रहना चाहिए। आज सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने से ज्यादा जरूरत ऐसे प्रशिक्षित अधिकारियों की है जो प्रौद्योगिकी, मानव मानस को समझते हों, युवा पीढ़ी से संवाद करना जानते हों और जिनमें जन आंदोलन के नेताओं से निपटने की दक्षता हो।

पीएम ने कहा कि प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी के कारण, सुरक्षा बल बातचीत करने की क्षमता खो देते हैं और कभी-कभी कुछ शब्दों के कारण अंतिम समय में चीजें गलत हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा कर्मियों को असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने में सक्षम होना चाहिए और समाज के साथ नरमी से पेश आना चाहिए। उन्हें लोगों में दोस्ती और विश्वास की भावना पैदा करनी चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण माड्यूल में बदलाव की आवश्यकता होगी। इसीलिए राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। मोदी ने यह भी कहा कि संयुक्त परिवारों जैसे पारंपरिक समर्थन नेटवर्क के सिकुड़ने के कारण पुलिस कर्मियों को तनाव से निपटने में मुश्किल होती है। इसके लिए योग शिक्षकों सहित विशेषज्ञों की आवश्यकता है, जो उन्हें तनाव से लड़ने और आराम करने में मदद कर सकें। मोदी ने कहा कि सुरक्षा बलों के लिए प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है लेकिन इसके उपयोग के लिए उचित प्रशिक्षण की भी जरूरत है।

पीएम ने कहा कि सुरक्षा का क्षेत्र केवल सुबह की परेड और शारीरिक फिटनेस के बारे में नहीं है। एक दिव्यांग व्यक्ति, जो शारीरिक रूप से समर्थ नहीं है लेकिन वह मानसिक प्रशिक्षण के माध्यम से सुरक्षा में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने गांधीनगर स्थित विभिन्न संस्थानों जैसे राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और आरआरयू के बीच नियमित बातचीत का भी आह्वान किया। मोदी ने कहा कि आरआरयू को जेल प्रबंधन में प्रशिक्षण और दोषियों और विचाराधीन कैदियों से कैसे निपटना चाहिए, इस पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि वे जेल में सुधार करने वाले व्यक्तियों को छोड़ दें। प्रधानमंत्री ने निजी सुरक्षा और संबंधित स्टार्ट-अप के बढ़ते क्षेत्र के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि आरआरयू में प्रशिक्षित छात्र ऐसे स्टार्ट-अप का हिस्सा बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आपने वैज्ञानिक तरीके से भीड़ और भीड़ के मनोविज्ञान का अध्ययन नहीं किया है, तो आप इसे संभाल नहीं सकते। हम आरआरयू के माध्यम से ऐसे लोग तैयार करना चाहते हैं जो ऐसी परिस्थितियों में भी स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम हों।

उन्होंने यह भी कहा कि अब रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी हो रही है। यहां तक कि एनसीसी में भी महिलाओं की भागीदारी देखी जा रही है। ओलिंपिक हो, विज्ञान हो, शिक्षा हो या सुरक्षा हो, महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। पीएम ने छात्रों को सलाह दी कि वर्दी के प्रभाव को बरकरार रखते हुए मानवता के मूल्यों को कभी पीछे नहीं छोड़ना चाहिए। पहले दीक्षांत समारोह में 1,090 छात्रों को डिग्री भी प्रदान की गई। उल्लेखनीय है पुलिसिंग, आपराधिक न्याय और सुधारात्मक प्रशासन में प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 2020 में आरआरयू की स्थापना की गई थी। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।


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