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Global Potato Conclave 2020: पीएम मोदी बोले- साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

Global Potato Conclave-2020 ग्लोबल पॉटेटो कॉन्क्लेव में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा 21वीं शताब्दी में भी कोई भूखा और कुपोषित न रहे इसकी जिम्मेदारी आप सभी की है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 10:53 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 11:57 AM (IST)
Global Potato Conclave 2020: पीएम मोदी बोले- साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
Global Potato Conclave 2020: पीएम मोदी बोले- साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

गुजरात, जेएनएन। गुजरात के गांधीनगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 जनवरी 2020 को तीसरे ग्लोबल पॉटेटो कॉन्क्लेव को रिमोट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे पीएम मोदी ने कहा 21वीं शताब्दी में भी कोई भूखा और कुपोषित न रहे, इसकी भी एक बड़ी जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है।एग्रीकल्चर सेक्टर में आधुनिक बायोटेक्नोलॉजी, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉक चेन, ड्रोन टेक्नोलॉजी का बेहतर प्रयोग कैसे किया सकता है इसको लेकर भी आपके सुझाव और समाधान अहम रहेंगे। सरकार का जोर कृषि टेक्नॉलॉजी आधारित स्टार्ट अप्स को प्रमोट करने पर भी है ताकि स्मार्ट और प्रिसिजन एग्रीकल्चर के लिए ज़रूरी किसानों के डेटाबेस और एग्री स्टैक का उपयोग किया जा सके।

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किसान और उपभोक्ता के बीच के बिचौलियों और उपज की बर्बादी को कम करना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए परंपरागत कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। कि इस महीने के शुरुआत में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में, 12 हजार करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है।

फूड प्रोसेसिंग से जुड़े सेक्टर को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार ने भी अनेक कदम उठाए हैं। चाहे इस सेक्टर को 100% FDI के लिए खोलने का फैसला हो या फिर पीएम किसान संपदा योजना के माध्यम से वैल्यू एडिशन और वैल्यू चेन डेवलपमेंट में मदद, हर स्तर पर कोशिश की जा ही है।

साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर तेज़ी से कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों के प्रयास और सरकार की पॉलिसी के कॉम्बिनेशन का ही परिणाम है कि अनेक अनाजों और दूसरे खाने के सामान के उत्पादन में भारत दुनिया के टॉप-3 देशों में है। 

गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी आलू अनुसंधान, व्यापार और उद्योग, और मूल्य श्रृंखला प्रबंधन के क्षेत्र में उपलब्धियों और अवसरों के बारे में समग्र दृष्टिकोण रखने और दशक के लिए एक रोडमैप निर्धारित करने की संभावना है।

 क्‍यों होता है इस कार्यक्रम का आयोजन

इस कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक दस साल के अंतराल पर आलू के क्षेत्र में उपलब्धियों पर कार्य करना और अगले दशक के लिए रोडमैप तैयार किया जाता है। बीते दो दशकों के दौरान 1999 और 2008 में दो वैश्विक आलू सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कॉन्क्लेव के द्वारा सभी हितधाराकों को एक साझा मंच प्रदान किया जाता है, जिससे सभी विषयों पर चर्चा की जा सके और भविष्य की योजनाओं में आलू क्षेत्र से संबंधित सभी को शामिल किया जा सके। 

 सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य 

देश में गुजरात आलू के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। बीते ग्यारह वर्षो में देश में आलू के क्षेत्र में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें से गुजरात में लगभग 170 प्रतिशत (2006-07 में 49.7 हजार हेक्टेयर, 2017-18 में 13.3 हजार हेक्टेयर) बढ़त दर्ज की गयी है। पिछले एक दशक में 30 टन / हेक्टेयर से अधिक की उत्पादकता के साथ गुजरात भारत में प्रथम स्थान पर रहा है। गुजरात देश के प्रमुख आलू प्रसंस्करण उद्योगों का केंद्र है यह खेती के लिए आधुनिक विधियों के साथ स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग करता है। 

आलू हब

आलू के अधिकांश निर्यातक गुजरात में होने के कारण देश में एक प्रमुख आलू हब के रूप में इस राज्य का उदय हुआ है इसलिये तीसरा ग्लोबल पॉटेटो कॉन्क्लेव का आयोजन यहां किया गया है। इस कॉन्क्लेव का आयोजन भारतीय आलू संघ (इंडियन पोटैटो एसोसिएशन) द्वारा इंडियन कॉउन्सिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च, नई दिल्ली और इंडियन कॉउन्सिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च - केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला और अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र, लीमा, पेरू के सहयोग से किया जा रहा है। गुजरात में आलू सम्मेलन का आयोजन 28-30 जनवरी, 2020 के दौरान 3 दिनों के लिए किया जाएगा।  

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