Move to Jagran APP

Gujarat Assembly bypoll 2020: उपचुनाव को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल, चुनाव का खर्च नेताओं से वसूलने की मांग

गुजरात की 8 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिसमें कहा गया है कि चुनाव का खर्च नेताओं से वसूला जाये क्‍योंकि नेताओं के दलबदल के कारण दोबारा चुनाव करना पड़ रहा है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 12:12 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 12:12 PM (IST)
Gujarat Assembly bypoll 2020:  उपचुनाव को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल, चुनाव का खर्च नेताओं से वसूलने की मांग
गुजरात की 8 विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात की 8 विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें यह मांग की गई है कि नेताओं के अपने स्वार्थ के कारण दलबदल करने के कारण दोबारा चुनाव कराना पड़ रहा है इसलिए चुनाव का खर्च इन नेताओं से वसूल किया जाना चाहिए।    

loksabha election banner

 गुजरात उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में अदालत से यह मांग की गई है कि गुजरात विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव के बाद चुने हुए विधायकों ने दलबदल किया। इन विधायकों ने अपने स्वार्थ के कारण दलबदल किया अथवा अपनी सहूलियत के कारण यह स्पष्ट तो नहीं है लेकिन इनके दलबदल करने से जनता के धन की बेवजह बर्बादी हो रही है। एक विधानसभा सीट पर चुनाव आयोग को 1 से 2 करोड़ रुपए का खर्च करना पड़ता है। 

 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 182 सीट में से 99 सीट पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस  77 सीट पर ही जीत पाई थी। जूलाई 2018 से जून 2020 तक कांग्रेस के 15 विधायकों ने अलग-अलग कारण बताकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इन सीटों पर फिर से चुनाव कराया गया तथा अधिकांश उम्मीदवार के रूप में वहीं पूर्व विधायक इन सीटों पर चुनाव लड़े। याचिकाकर्ता की मांग है कि विधायकों के दलबदल के कारण जनता पर चुनाव थोपे गए तथा जनता के धन की बर्बादी हुई इसलिए इन विधायकों से ही चुनाव का खर्च वसूला जाना चाहिए। हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई आगामी 29 अक्टूबर को होगी।    

  कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर गुजरात से बाहर जाने की इजाजत मांगी है। राज्य सरकार ने करीब 270 तेज की एक रिपोर्ट पेश कर हार्दिक की जमानत का विरोध किया है। सरकार का कहना है कि हार्दिक पटेल अदालतों में विचाराधीन मामलों में अनावश्यक देर करने के आदि रहे हैं। अदालत की पेशी में उपस्थित नहीं हो ना तथा बार-बार अदालत की ओर समन तथा वारंट जारी करने के बावजूद कोर्ट की कार्यवाही में देरी करना उनकी रणनीति का एक भाग रहा है। गुजरात से बाहर जाने की इजाजत लेना भी इसी रणनीति का एक भाग है। 

 गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान युवा नेता हार्दिक पटेल समेत कई नेताओं पर राजद्रोह वह आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए थे। इससे पहले हार्दिक ने शहर के सत्र न्यायालय में जमानत की याचिका लगाई जिसे ठुकरा दिया गया था। हार्दिक के वकील अपने आप हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके गुजरात से बाहर जाने की मंजूरी मांगी है। अदालत में इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.