हिंसक हुआ पटेल आंदोलन, कई जिलों में आगजनी और तोडफ़ोड़
पाटीदार कम्युनिटी के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को हिरासत में लेने के बाद अहमदाबाद, सूरत सहित गुजरात कई जिलों में तोडफ़ोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। हिंसा बढऩे की आशंका को देखते हुए पुलिस ने हार्दिक को छोड़ दिया।
अहमदाबाद। गुजरात में पाटीदार कम्युनिटी के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को हिरासत में लेने के बाद अहमदाबाद, सूरत सहित गुजरात कई जिलों में तोडफ़ोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। हिंसा बढऩे की आशंका को देखते हुए पुलिस ने हार्दिक को छोड़ दिया, इसके बाद भी कई जिलों में हिंसा की खबरें आ रही हैं। सूरत में लोगों ने बस को आग लगा दी। बड़ोदरा, जूनागढ़, मेहसाणा जिले में भी हिंसा की खबर है। इससे पहले, अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल को मंगलवार शाम हिरासत में ले लिया गया था। वो अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड पर अनशन पर बैठे थे। उन पर बिना इजाजत धरने पर बैठने का आरोप है। पुलिस ने बेकाबू समर्थकों पर लाठीचार्ज भी किया। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि हार्दिक ने मंच से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद जब पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो समर्थकों से झड़प हुई। पुलिस ने पूरे ग्राउंड को खाली भी करा लिया। सीएम आनंदी बेन पटेल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बीजेपी सरकार को दी चुनौती
इससे पहले हार्दिक ने कहा कि जब तक सीएम आनंदीबेन पटेल यहां आकर ज्ञापन नहीं लेतीं, तब तक यहीं अनशन होगा। हमारा आंदोलन केजरीवाल के आंदोलन से भी बड़ा होगा। इससे पहले पटेल ने इसी ग्राउंड में रैली की। दावा किया जा रहा है कि इसमें करीब 5 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। रैली में हार्दिक ने सरदार पटेल की मूर्ति के बहाने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और राज्य की भाजपा सरकार को भी चुनौती दे डाली।
मोदी के गुजरात से पीएम और भाजपा, दोनों को चैलेंज
1. सीएम खुद आएं, तभी टूटेगा अनशन
हार्दिक रैली को संबोधित करने के बाद वहीं अनशन पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि मां उमिया और खोडियार की कसम। सीएम यहां आकर लेटर लें, तभी अनशन खत्म होगा। हमने मोदी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना सीखा। केजरीवाल से आंदोलन की स्टाइल सीखी। हम इससे भी बड़ा कुछ करेंगे। हमारा आंदोलन केजरीवाल के आंदोलन से भी बड़ा होगा।
भाजपा से कहा- हम कमल उखाड़ सकते हैं
पटेल ने कहा कि 1998 में हमने कांग्रेस को उखाड़ फेंका था। अब 2017 आने वाला है। चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा, उसे उखाड़ फेंकेंगे। साफ है कि 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं। अपने हैं, इसलिए प्यार से हक मांगने निकले हैं। नहीं तो आवाज ओबामा तक पहुंचनी चाहिए। गुजरात में हम सिर्फ एक करोड़ 20 लाख हैं। लेकिन हिंदुस्तान में हमारी तादाद 50 करोड़ है। हम 25 अगस्त को क्रांति दिवस बना देंगे।
2. मोदी पर निशााना- लोग सरदार पटेल की बड़ी मूर्ति बनवाकर राजनीति कर रहे हैं
हार्दिक पटेल ने कहा कि सरदार पटेल अगर देश के पहले पीएम बनते तो हालात कुछ और होते। पटेल की बड़ी मूर्ति लगाकर लोग राजनीति कर रहे हैं। हम सबका साथ, सबका विकास के साथ हैं। इसलिए बराबरी चाहते हैं। सरकार मिलने बुला रही है। आप बताइए कि क्या मिलने जाएं?
कौन हैं हार्दिक पटेल?
- हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कोऑर्डिनेटर हैं। यह समिति अब तक 70 रैलियां कर चुकी है।
- अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव में रहने वाले हार्दिक पटेल कॉमर्स से ग्रैजुएट हैं।
- उन्होंने साल 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था। हार्दिक के पिता बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
- इस समय हार्दिक के सबसे करीबी व्यक्ति चिराग पटेल हैं। चिराग वही हैं, जो 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर मौजूदा सीएम आनंदीबेन के खिलाफ खड़े हुए थे। हालांकि वे हार गए थे।
- लोकसभा चुनाव के वक्त हार्दिक आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का समर्थन करते दिखे थे।
क्या है मांग?
- गुजरात की कुल आबादी 6 करोड़ 27 लाख है। इसमें पटेल-पाटीदार लोगों की तादाद 20 फीसदी है।
- यह समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है।
- ये लोग खुद को ओबीसी कैटेगरी में शामिल कराना चाहते हैं, ताकि कॉलेजों और नौकरियों में कोटा मिल सके।
- राज्य में अभी ओबीसी रिजर्वेशन 27 फीसदी है।
- ओबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से लिस्टेड है। पटेल-पाटीदार समुदाय खुद को 146वीं कम्युनिटी के रूप में ओबीसी की लिस्ट में शामिल कराना चाहती है।
- राज्य के 120 भाजपा विधायकों में से 40 इसी कम्युनिटी से आते हैं।
हार्दिक पटेल ने रैली में और क्या कहा?
* हम जहां से निकलते हैं, वहां क्रांति शुरू हो जाती है। हम लव-कुश के वंशज हैं। चाहे 14 साल का वनवास क्यों न हो, हम पीछे नहीं जा सकते। सरकार कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हमें आरक्षण नहीं मिल सकता। लेकिन हम कहते हैं कि अगर एक आतंकवादी के लिए रात को तीन बजे सुप्रीम कोर्ट खुल सकती है तो हमारे लिए क्यों नहीं?
* हार्दिक ने कहा कि हम किसी के साथ गद्दारी नहीं कर सकते। कांग्रेस और बीजेपी, दोनों कह रही हैं कि हमारा आंदोलन उनकी देन है। लेकिन यह सही नहीं है। जो पाटीदारों की बात करेगा, वही गुजरात पर राज करेगा। आज का दिन पाटीदार क्रांति का दिन है। हम हर साल इसे इसी रूप में मनाएंगे। हमने गुजरात और केंद्र में सरकारें बनाई है। लेकिन जब हमारे हक की बात आती है तो सब मुंह मोडऩे लगते हैं। हम भीख नहीं, केवल अपना हक मांग रहे हैं। हमें सुप्रीम कोर्ट से मतलब नहीं, हम तो सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं। जब तक नहीं मिलता, पीछे नहीं हटेंगे। हम पार्टी नहीं, पाटीदार हैं।
* ये 100 मीटर की दौड़ नहीं, ये तो मैराथन है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी हमारे हैं। गुजरात के 6 हजार किसानों ने खुदकुशी की है। अब अगर किसी किसान ने खुदकुशी की तो इसके लिए जिम्मेदार सरकार होगी। हम किसी का विरोध नहीं करते।
* जिस स्तर का काम केजरीवाल ने किया है, वैसा कुछ करेंगे। अब कोई रावण लंका में नहीं बचेगा। हम भीख नहीं, हक मांग रहे हैं। सरदार के संस्कार आज भी हमारे अंदर है। एक पटेल ने देश को एक किया, हम तो 50 लाख हैं। पहले आंदोलन सफल नहीं हुए, क्योंकि वे पॉलिटिकल फायदे के लिए चलाए जा रहे थे। इस आंदोलन को युवा पीढ़ी चला रही है।
नहीं मानी सीएम की अपील
रविवार को गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने अखबारों में खुली चिट्ठी लिखकर पटेल समुदाय से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी। सीएम ने इस लेटर में लिखा था कि संविधान के हिसाब से पटेलों को आरक्षण देना मुमकिन नहीं है। लेकिन इस कम्युनिटी के गरीबों की मदद के लिए सरकार अलग से प्लानिंग कर सकती है। लेकिन हार्दिक ने सीएम की इस अपील को ठुकराते हुए कहा कि वह हमारी मांगों से बचने के लिए बहानेबाजी कर रही हैं।
सरकार को चिंता क्यों?
रैली जीएमडीसी ग्राउंड में हुई। इस मैदान में केवल तीन लाख लोग आ सकते हैं। पटेल समुदाय का दावा है कि करीब 25 लाख लोग रैली में आए। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कुछ स्कूलों में मंगलवार को छुट्टी रखने के ऑर्डर दिए। आम लोगों से कहा गया कि वे जब तक बहुत जरूरी न हो, तो घर से न निकलें। एक खास कंट्रोल रूम बनाया गया, जहां से पुलिस और होम मिनिस्ट्री के अफसर हालात पर नजर रखने के लिए तैनात थे। राज्य सरकार ने रैली में आने वाले लोगों की तादाद को देखते हुए सिक्युरिटी अरेजमेंट्स सख्त कर दिए। पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया।