Gujarat: वडोदरा के नौ साल के बच्चे को मिले तीन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग अवार्ड
Gujarat वडोदरा के नौ साल के अरविंद गौतम ने तीन अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग प्रतियोगिता में विजेता बन देश का नाम ऊंचा किया है। अरविंद गौतम के पिता ने कहा कि मेरे बेटे ने अमेरिका में 2020 में एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।
वडोदरा, एएनआइ। गुजरात में वडोदरा के नौ साल के अरविंद गौतम ने तीन अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग प्रतियोगिता में विजेता बन देश का नाम ऊंचा किया है। अरविंद गौतम के पिता ने कहा कि मेरे बेटे ने अमेरिका में 2020 में एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में 36 देशों से भाग लेने वाले 500 प्रतिभागियों में उसे प्रथम स्थान मिला। उन्होंने आगे बताया कि 2021 में अरविंद गौतम को जापान में स्वर्ण पदक मिला। इस प्रतियोगिता में 45 देशों से 6000 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। जापान में ही मार्च 2021 में आयोजित एक अन्य प्रतियोगिता में गौतम ने हिस्सा लिया और 100 देशों से 70,000 बच्चों को पीछे छोड़ते हुए उसने विशेष पुरस्कार जीता। यह उसकी बहुत बड़ी सफलता है। अरविंद की मां ने कहा कि बच्चे के पिता और दादा दोनों कला के शिक्षक हैं। उसे यह ज्ञान उन्हीं से मिला है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बालिका दिवस पर गुजरात की रबर गर्ल दिव्यांग अन्वी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया तथा एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी प्रदान की गई थी। दिव्यांग होने के बावजूद उच्च मनोबल के चलते अन्वी झांझरुकिया ने योगासन में वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है। योग में उसकी महारत को देखते हुए आजकल व रबर गर्ल के नाम से चर्चित हुई है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय ने देश के 29 बहादुर बालकों का राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन किया था। अन्वी 75 प्रतिशत दिव्यांग है। हृदय में खामी होने के कारण उसके हार्ट सर्जरी हो चुकी है तथा अभी भी माइट्रल वाल्व लीकेज है। 21 ट्राईसोमी ओर हार्शस्प्रिंग बीमारी के कारण उसकी बड़ी आंत में भी क्षति है। उसे बोलने में भी तकलीफ होती है। 11 साल की उम्र में अन्वी ने योग सीखना शुरू किया था अभी तक 42 योग स्पर्धा में भाग ले चुकी है। राष्ट्रीय स्तर की योग स्पर्धा में अब तक वह तीन स्वर्ण, दो कांस्य पदक जीत चुकी है। अन्वी 112 से अधिक योग आसन करने में सक्षम है। इंटरनेट मीडिया पर भी वह काफी चर्चित हैं। दिसंबर, 2021 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उसे क्रिएटिव चाइल्ड विद डिसएबिलिटी कैटेगरी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। माता अवनी बहन ने बताया कि जब उसका जन्म हुआ, तब परिवार काफी दुखी हो गया था, लेकिन धीरे-धीरे उसने यह साबित किया कि ईश्वर ने उसे कुछ खास करने के लिए विशेष योग्य बनाया है।