Makar Sankranti 2022: गुजरात में पतंगबाजी के दौरान हादसे, मांझे की चपेट में आए 60 से ज्यादा लोग हुए घायल
Makar Sankranti 2022 मकर संक्रांति पर गुजरात में पतंग उड़ाने से संबंधित घटनाओं में 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक 108 आपात एंबुलेंस सेवा ने 63 लोगों को अस्पतालों तक पहुंचाया।
अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात में मकर संक्रांति के अवसर पर शुक्रवार को पतंग उड़ाने से संबंधित घटनाओं में 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक 108 आपात एंबुलेंस सेवा ने 63 लोगों को अस्पतालों तक पहुंचाया। इनमें से ज्यादातर सड़क पर आने-जाने वाले लोग थे। सार्वजनिक स्थलों में खतरनाक ढंग से लटक रहे पतंग के मांझे से उनके गले और चेहरे पर घाव लग गए। अधिकारी ने कहा कि अभी तक किसी की मौत की जानकारी नहीं मिली है। एंबुलेंस सेवा द्वारा जारी बयान के अनुसार, पतंग के मांझे (धागे) से घायल हुए 63 लोगों में से 21 मामले अकेले अहमदाबाद के हैं। इसके बाद वडोदरा और राजकोट जिले से सात-सात मामले सामने आए हैं। दोपहर तक 108 एंबुलेंस सेवा को कुल 1,203 आपात काल आईं जबकि पिछले वर्ष इस तरह की 1,043 काल दर्ज की गई थीं। एंबुलेंस सेवा ने कहा है कि पतंग के धागे से घायल होने के अलावा पूरे राज्य में 69 लोग अपनी छत से या ऊंचाई से गिर गए। यह घटनाएं पतंग उड़ाने या पकड़ने के दौरान हुईं।
स्वामी नारायण को रंग-बिरंगे पतंगों से सजाया
गुजरात के उत्तरायण के अवसर पर राजकोट के प्रसिद्ध स्वामी नारायण मंदिर में भगवान स्वामी नारायण को रंग-बिरंगे पतंगों से सजाया गया। एक श्रद्धालु ने बताया कि मकर संक्रांति को लेकर शुक्रवार को मंदिर को 2000 से ज्यादा पतंगों से सजाया गया। यह सिर्फ त्योहार नहीं बल्कि हिंदू परंपरा का एक हिस्सा है।
कोरोना के चलते रहीं ये बंदिशें
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण तथा मकर संक्रांति को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने महामारी की गाइडलाइन को और सख्त बनाने के निर्देश जारी किए थे, जिसके तहत मकर संक्रांति पर घर की छत पर केवल उसी घर में रहने वाले लोग ही पतंग उड़ा सके। इस दौरान डीजे लाउडस्पीकर आदि लगाने पर भी प्रतिबंध लगा रहा। मकर संक्रांति के पर्व के दौरान किसी भी सोसायटी तथा मोहल्ले में बाहर के लोगों को भी नहीं बुलाया गया। इसके चलते अब मेहमान भी एक-दूसरे के परिवारों में जाकर पतंग उत्सव नहीं मना सके। सरकार के इस आदेश के बाद लोगों में खासी चर्चा भी है कि राजनेताओं की रैलियां व सभाओं में डीजे और लाउडस्पीकर का जमकर उपयोग होता है, लेकिन लोगों के त्योहार पर लाउडस्पीकर डीजे बजाने पर भी रोक लगा दी गई।