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Gujarat Elections 2022 : मोरबी के मतदाताओं ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर किया भरोसा

पीएम मोदी ने इस चुनाव में नारा दिया था-भाजपा है तो भरोसा है। पांच बार विधायक रह चुके कांतिलाल अमृतिया की जीत का अंतर इसी सीट से पूर्व विधायक बृजेश मेरजा से कई गुना अधिक था जो 2020 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर 4600 वोटों से जीते थे।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Fri, 09 Dec 2022 08:39 PM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2022 08:39 PM (IST)
Gujarat Elections 2022 : मोरबी के मतदाताओं ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर किया भरोसा
अमृतिया 1.14 लाख से अधिक वोट जीतने में सफल रहे-

अहमदाबाद, शत्रुघ्‍न शर्मा। गुजरात विधानसभा चुनाव में राज्य के 155 विधानसभा सीट के मतदाताओं ने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा पर भरोसा किया ही साथ ही साथ मोरबी के मतदाताओं ने भी मोदी व भाजपा पर ही भरोसा किया। गत 30 अक्टूबर को मोरबी में अंग्रेजों के जमाने का एक पुल टूट गया था, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस सहित विरोधी दलों ने इस हादसे को लेकर भाजपा एवं उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था।

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पीएम मोदी का नारा- 'भाजपा है तो भरोसा है'

विधानसभा के चुनाव परिणाम से लगता है कि किसी हादसे एवं चुनावी वादों के भरोसे चुनाव नहीं जीता जा सकता है, जब तक किसी नेता को पार्टी पर मतदाता भरोसा नहीं कर सके हुआ भी कुछ ऐसा ही मोरबी में बड़े हादसे के बावजूद मतदाताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर ही भरोसा किया है। पीएम मोदी ने इस चुनाव में नारा दिया था, भाजपा है तो भरोसा है। पांच बार विधायक रह चुके कांतिलाल अमृतिया की जीत का अंतर इसी सीट से पूर्व विधायक बृजेश मेरजा से कई गुना अधिक था, जो 2020 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर 4,600 वोटों से जीते थे।

मोरबी पुल हादसे के बाद लोगों को बचाने के लिए मच्छू नदी में छलांग वाले अमृतिया

अमृतिया 1.14 लाख से अधिक वोट जीतने में सफल रहे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के जयंतीलाल पटेल को 52,000 और आम आदमी पार्टी के पंकज रणसरिया को लगभग 17,500 वोट मिले। 30 अक्टूबर को पुल गिरने के बाद लोगों को बचाने के लिए उनका लोगों को बचाने के लिए नदी में कूदने वाला वीडियो वायरल होने पर अमृतिया को देश भर में प्रसिद्धि मिली। उन्हें 'मोरबी हीरो' के रूप में सम्मानित किया गया था। वो बचपन से संघ के स्‍वयंसेवक हैं तथा बचपन में पीएम मोदी के साथ संघ की शाखा के साथ कई समाज सेवा के प्रकल्‍प में भागीदार रहे हैं।

चुनाव में कांग्रेस ने की भाजपा सरकार पर शिकंजा कसने की कोशिश

कांग्रेस ने इस चुनाव में भाजपा सरकार पर शिकंजा कसने की कोशिश की और आरोप लगाया कि भगवा पार्टी 'असली दोषियों' को बचा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नवंबर में राजकोट में एक रैली में राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि मोरबी त्रासदी के मूल दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि पुल गिरने के लिए जिम्मेदार लोगों से बीजेपी के अच्छे संबंध थे।

उन्होंने ट्वीट किया था 'भ्रष्टाचारियों और अपराधियों का समर्थन - यह भाजपा का भ्रष्टाचार और कमीशन का मॉडल है। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जिस कंपनी को बनाए रखने और संचालित करने का अधिकार दिया गया था, उस कंपनी को पुल से ठीक नहीं किया गया था।

मोरबी में भाजपा विरोधी लहर पर चढ़ाई

विरोध प्रचार ने अमृतिया की संभावना को प्रभावित नहीं किया, जैसा कि चुनाव परिणाम से देखा जा सकता है। उन्‍हें कानाभाई के नाम से जाना जाता है, ने 1995, 1998, 2002, 2007 और 2012 में मोरबी से जीत हासिल की थी। 2017 में, कांग्रेस के साथ मेरजा ने अमृतिया को 3,419 मतों के कम अंतर से हराया, मोरबी में भाजपा विरोधी लहर पर चढ़ाई, जो पाटीदार आरक्षण आंदोलन का एक प्रमुख केंद्र था। मोरबी में लगभग 2.9 लाख पंजीकृत मतदाता हैं,जिनमें 80,000 पाटीदार, 35,000 मुस्लिम, 30,000 मुस्लिम, 30,000 सतारा, 12,000 अर और 20,000 ठाकोर-कोली शामिल हैं। सथवाड़ा, अहीर और ठाकुर-कोली अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय हैं।

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