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Morbi Bridge Collapse: मौत का आंकडा 143 पहुंचा, मरने वालों में 23 बच्चे व 36 महिलाएं, बचाव के लिए पहले पहुंचे झुग्गीवाले व मछुआरे

Morbi Bridge Collapse बताया गया कि इस पुल पर क्षमता से अधिक लोग पहुंचे गये थे। पुल की कुल सवा सौ लोगों का भार सहने की है मगर इस पुल पर इससे कई गुना अधिक लोग पहुंच गए थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 31 Oct 2022 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 31 Oct 2022 06:42 PM (IST)
Morbi Bridge Collapse: मौत का आंकडा 143 पहुंचा, मरने वालों में 23 बच्चे व 36 महिलाएं, बचाव के लिए पहले पहुंचे झुग्गीवाले व मछुआरे
Morbi Bridge Collapse: पुल टूटने से मरने वालों में महिलाएं और बच्चे शामिल है।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने झूलते ब्रिज के रविवार शाम टूट जाने से हुए हादसे में मरने वालों की संख्या बढकर 143 तक पहुंच गई है। हालांकि प्रशासन ने अभी तक 134 लोगों की ही मौत की पुष्टि की है। मरने वालों में 23 बच्चे व 36 महिलाएं शामिल हैं। पुल की क्षमता सौ से सवा सौ लोगों की थी लेकिन हादसे के वक्त इस पर 300 से अधिक लोग मौजूद थे।

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स्थानीय युवकों, तीनों सेना, एनडीआरएफ तथा फायर ब्रिगेड ने पूरी रात राहत एवं बचाव कार्य करते हुए 177 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। पुल संचालन से जुडे 9 लोगों की धरपकड की पूछताछ की जा रही है। पुल संचालन करने वाली ओरेवा कंपनी के मालिक भूमिगत हैं।

अहमदाबाद से करीब 200 किमी दूर मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बने 143 साल पुराने झूलते केबल ब्रिज को गत 25 अक्टूबर को [ करीब 7 माह तक मरम्मत के बाद ] गुजराती नववर्ष के एक दिन पहले ही खोला गया था। मोरबी नगर पालिका ने स्थानीय ओरेवा कंपनी के साथ इस पुल की मरम्मत कर संचालन का समझौता किया था लेकिन प्रशासन से जरुरी मंजूरी व फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना ही ओरेवा के मालिक जयसुख भाई पटेल ने अपनी पौती से उद्घाटन करा लिया।

बताया जा रहा है कि ओरेवा कंपनी ने जिंदल समूह को 8 करोड रु देकर इसकी मरम्मत कराई थी, 25 साल की गारंटी वाला ब्रिज 5दिन भी नहीं चल पाया और धराशाई हो गया। नदी में जलकुंभी होने के कारण राहत एवं बचाव कार्य में काफी परेशानी हो रही थी।

सेना के जवान, फायर ब्रिग्रेड, एनडीआरएफ के जवान बचाव के लिए आते उससे पहले आस पास की झौंपडियों में रहने वाले तथा मछुआरे परिवार के युवकों ने तुरंत पहुंचकर दर्जनों महिला, पुरुष व बच्चों की जान बचाई। हादसे के कारण मोरबी की हर गली व मौहल्ले में मातम पसरा है, शहर के श्मशान में शवों की कतारें लगी हैं। कई परिवारों कुलदीपक बुझ गये वहीं कुछ परिवार ही खत्म हो गये। कई मासूम बच्चों ने नदी निकालकर बाहर लाते लाते बचावकर्मियों के हाथों में दम तोड दिया।

विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी बडी संख्या में लोगों की जानें बचाई तथा पीडित परिवारों को राहत पहुंचाते एवं सांत्वना देते नजर आए। घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल एवं ग्रह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। दोनों ने रात को वहीं केंप किया। मुख्यमंत्री ने सुबह कलकटर कार्यालय पहुंचकर राहत कार्यों का जायजा लिया।

पूर्व विधायक ने दी प्रशासन को सूचना

प्रत्यक्षदर्शी एवं पूर्व विधायक कांतिलाल अम्रतिया वहां से गुजर रहे थे, जब नदी पर उन्हें पुल नजर नहीं आया तो वे नदी की ओर भागे। उन्होंने ही जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को इसकी जानकारी दी। कांतिलाल बताते हैं कि अपने मित्रों के कपडों से रस्सा बनाकर उन्होंने लोगों को बाहर निकाला। देर शाम तक अपने मित्रों की मदद से सौ से अधिक लोग व दर्जनों शवों को बाहर निकाला। सांसद मोहन लाल कुंडारिया के 12 रिश्तेदार भी इस हादसे के शिकार हो गये। कुंडारिया राजकोट से लोकसभा सदस्य हैं तथा मोरबी के रावपर अवेन्यु पार्क में रहते हैं।

करीब 143 साल पुराने इस ब्रिज को इंजीनियरिंग का चमत्कार कहे जाने वाले इस पुल का निर्माण राजा वाघजी रावजी ने 1879 में कराया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन बॉम्बे स्टेट के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह पुल 765 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा था।

पुल का निर्माण दरबारगढ पैलेस को नजर बाग पैलेस से जोडने के लिए कराया था। मोरबी नगर पालिका ने दीवार घडी बनाने वाली कंपनी अजंता मैनुफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड [ ओरेवा समूह ] को मार्च 2022 में इसकी मरम्मत कर संचालन की जिम्मेदारी 15 वर्ष के लिए सौंपी थी। टिकट दर बच्चों के लिए 10 रु व वयस्कों के लिए 15 रु तय की गई लेकिन संचालक 12 व 17 रु वसूल रहे थे।

मोदी आज मोरबी जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को होने वाला भाजपा का पेज समिति सम्मेलन को रद्द कर दिया गया। मोदी मंगलवार को मोरबी पीड़ित परिवारों से मिलने जाएंगे। कांग्रेस ने भी परिवर्तन यात्रा 1 दिन के लिए स्थगित रखी है, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आदि नेता सोमवार को मोरबी पीड़ितों से मिलने पहुंचे।

मुआवजे की घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने पुल दुर्घटना में मारे गये व्यक्ति के परिजनों को केंद्र की ओर से 2 -2 लाख रु तथा घायलों को 50 – 50 हजार रु के मुआवजे की घोषणा की। राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने म्रतकों को 4-4 लाख रु तथा घायलों को 50-50 हजार रु के मुआवजे की घोषणा की है।

उच्चस्तरीय जांच समिति

मोरबी केबल ब्रिज दुर्घटना की जांच के लिए सरकार ने पांच वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी गठित की है। इसमें महानगर पालिका प्रशासन आयुक्त राजकुमार बेनीवाल, चीफ इंजीनियर के एम पटेल, एलडी इंजीनियरिंग कॉलेज के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर गोपाल टांक, मार्ग एवं मकान विभाग के सचिव संदीप वसावा तथा सीआईडी क्राइम के आईजी सुभाष त्रिवेदी शामिल हैं।

दो बार आजीवन कैद की सजा की धाराओं में केस

मोरबी बी डिवीजन पुलिस ने सदोष मानववध के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308 व 114 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। आपराधिक मानववध की धारा 304 में आजीवन कारावास व 308 में अधिकतम 7 वर्ष की सजा जबकि 114 में लापरवाही के दुष्क्रत्य के लिए अपराध के बराबर की सजा का प्रावधान है। रविवार रात 2 बजे पुलिस ने टिकट बेचने वाले सहित 9 कर्मचारियों की धरपकड कर पुछताछ शुरु की।

हादसे का कारण

• पुल के दोनों ओर टिकट खिडकी थी, दोनों ओर से टिकट बेचे जा रहे थे। क्षमता से अधिक लोग हो जाने पर भी टिकट बिक्री बंद नहीं की गई।

• घटना के वक्त पुल पर 300 से अधिक लोग मौजूद थे, जबकि इसकी क्षमता सौ से सवा सौ लोगों की है।

• भीड व अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए कोई पुलिस या गार्ड मौजूद नहीं थे, इसके चलते लोग अनियंत्रित तरीके से पुल पर जा चढे

• पुल के पास ओरेवा कंपनी ने आपदा प्रबंधन एवं बचाव कार्य के लिए कोई सुरक्षा उपकरण नहीं रखे।

• नदी पर पुल बना था लेकिन लाइफ जैकेट की कोई व्यवस्था यहां नहीं थी।

• नदी में जमा जलकुंभी के कारण भी लोगों को बाहर निकालने में परेशानी हो रही थी।

दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना

मोरबी पहुंचे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने स्थानीय विधायक एवं राज्य सरकार में मंत्री ब्रजेश मेरजा को आडे हाथ लिया। मेरजा वर्तमान सरकार में श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री हैं। वे कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे, इसलिए दिग्विजय ने कहा कि कितने रु लेकर भाजपा में शामिल हुए थे, इस हादसे के बाद इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने एसआईटी को लीपापोती बताया तथा प्रधानमंत्री मोदी पर सरकारी कार्यक्रम जारी रखने पर निशाना साधा। बिना मंजूरी ब्रिज शुरु करने के लिए कलक्टर जी टी पंड्या व एसपी राहुल त्रिपाठी पर भी सवाल उठाए।


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