मोरबी, पीटीआई। गुजरात के मोरबी झूला पुल हादसे के आरोपित ओरेवा समूह के एमडी जयसुख पटेल को कोर्ट ने सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। जयसुख ने मंगलवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। इस मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। इसमें आरोपित के रूप में जयसुख पटेल का नाम भी शामिल किया गया था। मालूम हो कि यह हादसा पिछले साल अक्टूबर माह में हुआ था। इस पुल के रख-रखाव की जिम्मेदारी ओरेवा समूह को दी गई थी। लेकिन, इस समूह ने पुल के रख-रखाव में गंभीर अनियमितता बरती। ब्रिटिशकालीन इस पुल के तार और नट-बोल्ट बहुत ही जर्जर हो चुके थे। इसे ऊपर से चमका कर लोगों के आवागमन के लिए खोल दिया गया था।
ओरेवा ग्रुप के एमडी ने कोर्ट में किया था सरेंडर
मोरबी में हुए दर्दनाक सस्पेंशन ब्रिज हादसे में ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने मोरबी सेशंस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी। इस मामले में पुलिस ने एक हलफनामा दायर किया है और इस मामले में पीड़िता के परिवार द्वारा मोरबी के विधायक दिलीप अगेचानिया की ओर से आपत्ति याचिका भी दायर की गई है।
30 अक्टूबर 2022 को हुआ था मोरबी पुल हादसा
मालूम हो कि मोरबी में मणि मंदिर के पास और मच्छू नदी को पार करने वाला 140 साल पुराना सस्पेंशन ब्रिज 30 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 32 मिनट पर ढह गया। इस हादसे में कई मासूम बच्चों समेत 135 लोगों की जान चली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुल के गिरने के वक्त 400 से ज्यादा लोग उस पर मौजूद थे। पुल की क्षमता 100 लोगों की थी। मोरबी के राजा सर वाघजी अपने शाही दरबार से राज महल जाने के लिए इसी केबल ब्रिज का इस्तेमाल करते थे। यह पुल उन्हीं के शासनकाल में बना था। राजा ने अपने राजशाही के अंत के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी थी।
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