जबरिया कोई जय हिंद कहे, बापू को नहीं था मंजूर : राजमोहन गांधी
'भारत माता की जय' कहने को लेकर छिड़े सियासी विवाद में अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी भी कूद गए हैं।
अहमदाबाद। 'भारत माता की जय' कहने को लेकर छिड़े सियासी विवाद में अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी भी कूद गए हैं। एआईएमआईएम नेता असदद्दीन ओवैसी का एक तरह से बचाव करते हुए राजमोहन ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपिता किसी से जबरिया देशभक्ति का नारा लगवाने के खिलाफ थे। बापू को यह कत्तई मंजूर नहीं था कि किसी को जय हिंद कहने के लिए बाध्य किया जाए।
गुजरात विद्यापीठ के एक कार्यक्रम को संबोधित करने अहमदाबाद पहुंचे राजमोहन गांधी ओवैसी विवाद पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उनका कहना था, 'स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी आजादी के दीवाने सड़कों पर उतर आते थे और दूसरों को जय हिंद कहने के लिए बाध्य करते थे। ऐसा नहीं कहने वालों को पीटने की धमकी देते थे। यह बात बापू को नापसंद थी।'
राजमोहन के अनुसार, 'गांधी जी ने कहा था कि जय हिंद कहने के लिए एक आदमी को भी बाध्य किया तो यह स्वराज के ताबूत में कील ठोकने जैसा होगा।' उन्होंने कहा, 'आज भी हमें नारा लगाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। ये लोग कहते हैं कि नारा नहीं लगाओगे तो पिटाई करेंगे।" ध्यान रहे ओवैसी ने कहा था कि गले पर छुरी भी रख दोगे तो भी भारत माता की जय नहीं बोलूंगा।'