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Jagannath Rath Yatra 2020: अहमदाबाद में भक्तों के बिना निकलेगी भगवान जगन्नाथजी की 143वीं रथयात्रा

Jagannath Rath Yatra 2020 अहमदाबाद में पहली बार एतिहासिक भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भक्तों के बिना निकाली जायेगी। 143वीं रथयात्रा का आयोजन 23 जून को होगा।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 02:52 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 02:52 PM (IST)
Jagannath Rath Yatra 2020: अहमदाबाद में भक्तों के बिना निकलेगी भगवान जगन्नाथजी की 143वीं रथयात्रा
Jagannath Rath Yatra 2020: अहमदाबाद में भक्तों के बिना निकलेगी भगवान जगन्नाथजी की 143वीं रथयात्रा

अहमदाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच अहमदाबाद में पहली बार एतिहासिक भगवान जगन्नाथ की 143वीं रथयात्रा 23 जून को बड़ी ही सादगीपूर्ण तरीके से आयोजित की जायेगी।  शोभायात्रा ट्रक, अखाड़ा, भजन मंडली शामिल नहीं किए जायेंगे। वहीं पांच जून को आयोजित जलयात्रा महोत्सव में मंदिर के पुजारी और ट्रस्टी ही शामिल होंगे। इस बार नेत्रोत्सव के दिन 21 जून को सूर्यग्रहण के कारण चार बजे के बाद ही इसका आयोजन करने का निर्णय लिया गया हैं।

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 भगवान जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्टी महेन्द्र झा ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के बारे में आयोजित ट्रस्टी मंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया है। मंदिर के महंत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वर्तमान समय के हालात के मद्देनजर विविध पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया है। ट्रस्टियों द्वारा लिए गये विविध निर्णयों से सरकार को अवगत करवाया जायेगा। आखिरी निर्णय सरकार की सहमति से किया जायेगा। 

 भगवान जगन्नाथ मंदिर के न्यासियों द्वारा लिए गये निर्णयों का उल्लेख कर झा ने बताया कि वर्तमान हालात के मद्देनजर शारिरिक दुराव अत्यंत जरूरी है। ऐसे समय भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में केवल तीन रथों को ही शामिल किया जायेगा। इसमें भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन शुभद्रा के रथ होंगे। इस बार अखाड़ा, भजन मंडलियां, एवं करतब दिखाने वाले पहलवानों को शामिल नहीं किया जायेगा। इस बार केवल एक या दो गजराजों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक रथयात्रा में रथ खींचने वाले खलासियों का एक बहुत समूह होता था। तकरीबन 150 से भी अधिक लोग शामिल होते थे। इस बार केवल 30 खलासिय़ों को ही रखा जायेगा जो पूरी यात्रा के दौरान रथ के साथ रहेंगे और बारी-बारी से रथ को आगे ले जायेंगे। वहीं सुबह में रथयात्रा के प्रस्थान के समय पहिन्द विधि में बहुत लोग शामिल न हों, इसका भी ध्यान रखा जायेगा।

 उन्होंने कहा कि इस बार नेत्रोत्सव 21 जून को आयोजित किया जायेगा, इस दिन सूर्य ग्रहण के मद्देनजर यह विधि अपराह्न चार बजे के बाद आयोजित की जायेगी। वहीं 5 जून को आयोजित जलयात्रा भी सीमित ट्रस्टियों एवं पुजारियों की उपस्थिति में सम्पन्न होगी। भगवान के मामेरा में भी इस बार केवल एक-दो महानुभावों को ही आमंत्रित किया जायेगा। भगवान जगन्नाथ की यह पहली रथयात्रा होंगी जिसमें इतनी सादगी का ध्यान रखा गया है। जिसमें सीमित लोग ही शामिल होंगे। अन्यथा भगवान के इस रथयात्रा में राज्य के लाखो भक्त गण उमड़ पड़ते थे। मंदिर के न्यासियों ने जनता से अनुरोध किया है कि वे टी.वी. पर ही भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का दर्शन करें।   


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