गुजरात के शेर दहाड़ेंगे गोरखपुर में
Lion of Gujarat in Gorakhpur. सेंट्रल जू अथॉरिटी ने गुजरात के वन विभाग को आठ एशियाई शेर उत्तर प्रदेश को देने को कहा है।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात सरकार उत्तर प्रदेश को सासण गीर जंगल में पले बढ़े एशियाई शेर देने को तैयार हो गई है। सब कुछ ठीक रहा तो गोरखपुर के जू में जल्द ही एशियाई शेरों की दहाड़ गूंजने लगेगी।
सेंट्रल जू अथॉरिटी ने गुजरात के वन विभाग को आठ एशियाई शेर उत्तर प्रदेश को देने को कहा है। जूनागढ़ के सक्करबाग जू के डीएफओ ने बताया कि गुजरात दो शेर व छह शेरनी उत्तर प्रदेश को देगा। इन्हें गोरखपुर में नए बने जू में रखा जाएगा। जू एनीमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इन शेरों का स्थानांतरण किया जा रहा है। वन्यजीवों की नस्ल के संरक्षण के लिए इस तरह वन्यजीवों को एक से अधिक स्थलों पर संरक्षित रखा जाता है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार व गुजरात सरकार के बीच पिछले कई दशक से एशियाई शेरों को लेकर विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट व केंद्रीय वन विभाग की सिफारिश के बावजूद गुजरात सरकार ने मध्य प्रदेश की आबोहवा को एशियाई शेरों के प्रतिकूल होने तथा राज्य में बाघ होने का बहाना कर स्थानांतरण टाल दिया। लेकिन उत्तर प्रदेश को आठ शेर पहले देने के बाद एक बार फिर आठ शेर देने को राजी हो गया है।
प्राणी संग्रहालय व वन विभाग के अधिकारी शेरों को मध्य प्रदेश सड़क मार्ग या हवाई मार्ग से ले जाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
देश का दूसरा पुराना जू है सक्करबाग
सक्करबाग जू को देश में दूसरा सबसे पुराना माना जाता है। यह देश और राज्य में दूसरे जू और सफारी को एशियाई शेर मुहैया कराने वाला नोडल सेंटर है। गुजरात में गीर वन्यजीव अभयारण्य दुनिया में एशियाई शेरों का एकमात्र निवास रह गया है।
2015 की गणना के अनुसार राज्य में करीब 523 शेर हैं। ये शेर जूनागढ़, गीर-सोमनाथ, अमेरली और भावनगर जिलों के वन क्षेत्रों में मौजूद हैं।
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